अमरीका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस संभालते ही क्लाइमेट को टॉप एजेंडा में लाने में देर नहीं लगायी। अपने कार्यकाल के पहले ही दिन बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान लागू किये गये 100 से अधिक पर्यावरण नियमों को रद्द किया। बाइडेन अमेरिका को पेरिस डील से दोबारा जोड़ रहे हैं जिसमें करीब 30 दिन का वक्त लगेगा। बाइडेन ने बुधवार को कहा कि वह ग्रीन एजेंडा के तहत अधिक नौकरियों के अवसर पैदा करने के साथ वैज्ञानिक शुचिता को स्थापित करेंगे।
बाइडेन के महत्वपूर्ण फैसलों में उत्तरी कनाडा से विवादित की-स्टोन एक्स एल तेल पाइपलाइन को मिली मंज़ूरी को रद्द करना शामिल है। इस बीच अमेरिका के नये विदेश मंत्री एन्थनी ब्लिन्केन ने कहा है जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मिलकर काम करने के लिये भारत और अमेरिका में सामर्थ्य और संभावनायें हैं।
बैंक ऑफ फ्रांस ने कोयले पर कटौती का इरादा जताया
फ्रांस का सेंट्रल बैंक कोयले रिश्ता कम करने की कोशिश में है। बैंक ऑफ फ्रांस ने उन कंपनियों से अपना निवेश वापस लेने का इरादा जताया है जिनके कुल टर्नओवर में कोयले का हिस्सा इस साल 2% से अधिक रहा। बैंक की नीति के तहत कोई कंपनी अपने व्यापार में कोयले का हिस्सा 20% से अधिक नहीं रख सकती। हालांकि निवेश के नये नियम सेंट्रल बैंक के 3,000 करोड़ के पोर्टफोलियो पर ही लागू होंगे इसकी मौद्रिक नीति ऑपरेशन पर नहीं। बैंक ने यह भी कहा है कि शेल गैस और दूसरे हाइड्रोकार्बन से भी किनारा करने की दिशा में बढ़ेगा और आर्कटिक में तेल निकालने वाले प्रोजेक्ट्स को पैसा नहीं देगा।
ग्रीन पॉलिसी पर भारत ने डेनमार्क से मिलाया हाथ
भारत और डेनमार्क ने ग्रीन पॉलिसी के लिये एक साझा रणनीति बनाने का फैसला किया है। इसके तरह डेनमार्क भारत को साफ ऊर्जा के ज़रिये अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के तरीकों में मदद करेगा। दोनों देश अपने मंत्रालयों, संस्थानों और भागीदारों के ज़रिये आर्थिक रिश्तों को मज़बूत करने और क्लाइमेट लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करेंगे। पर्यावरण और साफ ऊर्जा के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग किया जायेगा।
यूरोपियन यूनियन(ईयू): कोयले और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी खत्म करने की मांग
अपनी यूरोपियन ग्रीन डीलपॉलिसी के तहत ईयू ने पूरी दुनिया में कोयले और जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी खत्म करने की मांग की है। यूरोप के विदेश मंत्रियों ने गरीब देशों में सभी नये कोयला इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को वित्तीय बन्द करने की मांग की है। इस डील के तहत क्लाइमेट फाइनेंस भी बढ़ाने की मांग की गई खासतौर से अफ्रीकी देशों में। महत्वपूर्ण है कि यूरोप अभी भी काफी हद तक कोयले पर निर्भर है लेकिन उसका इरादा 2050 तक नेट ज़ीरो इमीशन का स्तर हासिल करने का है।
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