बाकू सम्मेलन के बाद विकासशील देशों ने खटखटाया अंतर्राष्ट्रीय अदालत का दरवाज़ा
बाकू में कॉप-29 सम्मेलन में विकसित देशों को उनकी जलवायु संबंधी जिम्मेदारियों के लिए उत्तरदायी
बाकू में कॉप-29 सम्मेलन में विकसित देशों को उनकी जलवायु संबंधी जिम्मेदारियों के लिए उत्तरदायी
एक बार फिर जलवायु वित्त समझौते में सत्ता, संघर्ष और लंबे समय से चली आ रही असमानताओं का पर्दाफाश हुआ।
भारत ने वार्ता के दस्तावेज़ को नकारते हुए इसे एक ‘प्रकाशीय भ्रम’ बताया है।
अतीत और वर्तमान के जलवायु सम्मेलनों ने जटिलता और उतार-चढ़ाव देखे हैंऔर उनके बावजूद, कार्य करने का सामूहिक दृढ़ संकल्प भी दिखाया है।
अज़रबैजान की राजधानी बाकू में चल रहे जलवायु महासम्मेलन के पहले हफ़्ते में एक मजबूत
कॉप 29 में विकासशील देशों का सवाल: क्या जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए धनी देश और बहुराष्ट्रीय वित्तीय संस्थायें सुनिश्चित करेंगी खरबों की राशि?
क्लाइमेट फाइनेंस के लिए एनसीक्यूजी के प्रमुख विवरणों पर विकसित और विकासशील देशों के बीच गहरे मतभेद हैं। क्लाइमेट फाइनेंस की परिभाषा से लेकर डोनर्स की संख्या पर विवाद हैं और आम सहमति तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव साल-दर-साल बदतर होते जा रहे हैं। दुनिया का कोई भी हिस्सा
अमेरिकी नेता डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दुनिया भर के
इस वर्ष जलवायु महासम्मेलन के मेजबान अज़रबैजान ने वैश्विक कार्रवाई के लिए 14 पहलों की