पहले खुश्क जुलाई और अब बरसात से सराबोर अगस्त। मौसम विभाग का कहना है कि अगस्त में बारिश ने पिछले 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल अगस्त में देश भर में सामान्य से 25% अधिक बारिश हुई। इससे पहले 1976 में अगस्त में अभी के सामान्य स्तर के मुकाबले 28.4% अधिक बरसात दर्ज की गई थी। मध्य भारत और दक्षिण के तटीय ज़िलों में सबसे अधिक बरसात हुई है।
इस साल पूरे देश में कुल 8% अधिक बारिश दर्ज की गई है। दक्षिण प्रायद्वीप में 23% अधिक बरसात हुई है और मध्य भारत में 16% अधिक बरसात हुई है। मॉनसून का सीज़न जून से सितंबर तक माना जाता है। सेंट्रल वॉटर कमीशन के मुताबिक 49 में से 34 जलाशय 90% भर चुके हैं। उधर भारत के पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान में बारिश से बुरा हाल है। पाकिस्तान के कराची में बारिश ने 89 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अगस्त के आखिरी हफ्ते लगातार मूसलाधार बारिश से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई।
उत्तराखंड का नैनीताल है किंग कोबरा का बसेरा!
उत्तराखंड वन विभाग की रिसर्च विंग ने एक रिपोर्ट तैयार की है जो बताती है कि राज्य के नैनीताल ज़िले में किंग कोबरा की मौजूदगी असामान्य रूप से अधिक है। वेबसाइट डी-डब्लू हिन्दी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 5 ज़िलों में किंग कोबरा की मौजूदगी दर्ज की गई है और उसमें नैनीताल ज़िले में किंग कोबरा की साइटिंग असामान्य रूप से अधिक है। किंग कोबरा दुनिया का सबसे बड़ा ज़हरीला सांप है लेकिन यह इंसानों पर अमूमन हमला नहीं करता। उत्तराखंड में इसके द्वारा किसी इंसान को डसने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
रिपोर्ट बताती है कि 2015 से जुलाई 2020 के बीच पूरे राज्य में किंग कोबरा 132 बार दिखा। इनमें से 83 बार किंग कोबरा की मौजूदगी नैनीताल जिले में ही रिकॉर्ड की गई जबकि देहरादून में किंग कोबरा को 32 बार देखा गया. इसके अलावा पौड़ी जिले में 12 बार किंग कोबरा दिखा जबकि उत्तरकाशी में सिर्फ 3 और हरिद्वार में तो 2 बार ही इसकी साइटिंग रिकॉर्ड हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह गहन शोध का विषय है कि किंग कोबरा नैनीताल में ही इतना अधिक कैसे दिख रहा है।
दुनिया में आग की घटनाओं में 13% की बढ़ोतरी: WWF
कैलिफोर्निया में अभी अग्निशमन कर्मचारी राज्य के इतिहास की सबसे विनाशकारी आग पर काबू पाने में लगे हैं। उधर वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) की एक रिपोर्ट में पता चला है कि पूरी दुनिया में साल 2019 के मुकाबले आग की घटनायें 13% बढ़ी हैं। रिपोर्ट यह भी कहती है कि 1970 के दशक के मुकाबले आग की अवधि 20% बढ़ गई है। इसके अलावा यह पाया गया है कि 75% बार आग मानव जनित होती है और उससे इतना कार्बन इमीशन हो रहा है जितना साल में सभी यूरोपीय देश मिलकर करते हैं.
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