अडानी को झटका: लंदन स्थित जानी-मानी बीमा कंपनी ट्रैवलर यूरोप ने कहा है कि वह अडानी के कार्माकोल प्रोजेक्ट को कवर नहीं करेगी।Photo:Jinomono Media on Unsplash

अडानी के कोयला खनन को कवर नहीं करेगा लंदन का बड़ा बीमा ग्रुप

लंदन के बीमा और पुनर्बीमा सिंडिकेट लॉयड्स ऑफ लंदन ट्रैवलर यूरोप ने घोषणा की है कि वो अडानी कार्माकल कोल माइन के कोयला खनन के प्रोजेक्ट  को कवर नहीं करेगा। यह घोषणा लॉयड्स की बदली रणनीति का परिणाम है जिसने 2020 तक इस बात पर चुप्पी साध रखी थी कि वह कोल माइनिंग को सपोर्ट करेगा या नहीं। हालांकि एलायंज़ और म्यूनिक आरई जैसी बड़ी बीमा कंपनियों ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया था। 

उधर करीब 1 करोड़ टन सालाना कोयला क्षमता वाली अडानी की कार्माकल खदान पर ऑस्ट्रेलिया में काम चल रहा है और वह इसी साल उत्पादन शुरू कर देगी लेकिन लॉयड्स की घोषणा के बाद 1 जनवरी 2022 से इसके कोयला और अन्य जीवाश्म ईंधन को बीमा कवर नहीं मिलेगा। 

साफ ऊर्जा पर पीछे हट रहा है मैक्सिको 

अंग्रेज़ी अख़बार गार्डियन में छपी ख़बर से खुलासा हुआ है कि लैटिन अमेरिकी देश मैक्सिको क्लाइमेट एक्शन पर उल्टी दिशा में चल रहा है। वैसे मैक्सिको ने पहले क्लीन एनर्जी सेक्टर में अच्छा काम किया है लेकिन नये राष्ट्रपति एंड्रेस मैन्युअल लोपेज़ – जिनका लोकप्रिय नाम एम्लो है – का साफ ऊर्जा के लिये ठंडा रुख अब इस देश को पीछे धकेल रहा है।  मैक्सिको के नये ‘एनर्ज़ी सिक्योरिटी विज़न’ के तहत  पुराने कोयला प्लांट्स को फिर से शुरू करने के अलावा कई छोटी खदानों से लाखों टन कोयला खरीदा जायेगा ताकि स्थानीय लोगों की नौकरियों का बचाया जा सके। 

हालांकि मैक्सिको अब अपनी वर्तमान जलविद्युत परियोजनाओं को चमकायेगा  ताकि मैक्सिको का कुल ऊर्जा में 35% साफ ऊर्जा का संकल्प पूरा हो सके। यह नया बदलाव इसलिये चौंकाने वाला है क्योंकि 2015 में हुई पेरिस संधि के बाद विकासशील देशों में मैक्सिको पहला देश था जिसने क्लाइमेट एक्शन प्लान जमा किया था लेकिन कहा जा रहा है कि एम्लो इस बात के लिये कृतसंकल्प हैं कि वह 80% सरकारी खर्च जीवाश्म ईंधन प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरु करने में खर्च करेंगे। यह जी-20 देशों और अमेरिका की नई सरकार के इरादों के खिलाफ है।

Website | + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.