जापान के माउंट फ़ूजी और माउंट ओयामा के आसपास के बादलों में माइक्रोप्लास्टिक पाए गए।

जापान के बादलों में मिले माइक्रोप्लास्टिक्स

एक नए शोध से जापान के दो पर्वतों के ऊपर बादलों में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण का पता चला है। जापान के माउंट फ़ूजी और माउंट ओयामा के आसपास के बादलों में छोटे प्लास्टिक के टुकड़ों का स्तर चिंताजनक है, और यह उजागर करता है कि माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण कैसे लंबी दूरी तक फैल सकता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो सकता है और साथ ही “प्लास्टिक वर्षा” के माध्यम से फसलें और पानी संक्रमित हो सकते हैं।  

यह शोध इन्वायरेंमेंटल कैमिस्ट्री लेटर्स नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ और लेखकों का विश्वास है कि बादलों में प्लास्टिक की मौजूदगी पता करने वाला यह पहला शोध है। शोधकर्ताओं द्वारा एकत्र किए गए नमूनों में प्लास्टिक इतना अधिक था कि ऐसा माना जा रहा है कि प्लास्टिक में से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से बादलों का निर्माण हुआ।  

प्लास्टिक प्रदूषण पाँच मिलीमीटर से छोटे प्लास्टिक कणों से बना होता है जो क्षरण के दौरान प्लास्टिक के बड़े टुकड़ों से निकलते हैं। निष्कर्ष इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे माइक्रोप्लास्टिक अत्यधिक गतिशील हैं और हवा और पर्यावरण के माध्यम से लंबी दूरी तय कर सकते हैं।

स्टॉकहोम सेंटर में पेट्रोल और डीजल कारों पर लगेगा प्रतिबंध 

स्टॉकहोम ने वायु प्रदूषण और शोर को कम करने के लिए अपने केंद्र में पेट्रोल और डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाने की योजना की घोषणा की है। यह प्रतिबंघ 2025 से लागू होगा। स्टॉकहोम के आंतरिक शहर क्षेत्र के 20 ब्लॉक्स में, जो इसके वित्त और मुख्य शॉपिंग जिलों तक फैले हुए हैं, केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को ही अनुमति होगी।  

हालांकि इसका उद्देश्य मुख्य रूप से केवल पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कारों को अनुमति देना है, प्लग-इन हाइब्रिड इंजन वाली बड़ी वैन को भी अनुमति दी जाएगी, और एम्बुलेंस और पुलिस कारों के साथ-साथ उन कारों के लिए अपवाद बनाए जाएंगे जिनमें ड्राइवर या यात्री के पास विकलांग हैं।

ध्वनि प्रदूषण: ईद और गणेश चतुर्थी पर दर्ज किए गए 80 मामले 

पुलिस ने पुणे में गणेश चतुर्थी और ईद के दौरान ध्वनि प्रदूषण के 80 मामले दर्ज किए। यह मामले व्यक्तिगत लोगों और पर्व के आयोजकों के खिलाफ दर्ज हुए। देर रात तक हुए आयोजन और लाउड स्पीकरों (डीजे) के प्रयोग से ध्वनि प्रदूषण के लिए तय  नियमों को तोड़ने के लिए पुलिस ने केस दर्ज किए।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी के तय मानकों के हिसाब से आवासीय क्षेत्रों में शोर का स्तर दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। कमर्शियल इलाकों में यह स्तर क्रमशः 65 और 55 डेसिबल है। पुलिस के मुताबिक कई जगह मानकों को तोड़ा गया और शहर में लगे 100 से अधिक रीडिंग रिकॉर्डरों में उल्लंघन पाया गया। 

ग्रेट बैरियर रीफ पर प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है भूजल

वैज्ञानिकों ने यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल ग्रेट बैरियर रीफ के आसपास एक महत्वपूर्ण खोज की है जिससे पता चला है कि भूमिगत जल स्रोतों के माध्यम से रीफ में भारी प्रदूषण हो रहा है। नए शोध से संकेत मिलता है कि ग्रेट बैरियर रीफ के आसपास के पानी में लगभग एक-तिहाई घुली हुई अकार्बनिक नाइट्रोजन और दो-तिहाई घुली हुई अकार्बनिक फास्फोरस भूमिगत स्रोतों से उत्पन्न होती है।  यह बात इस शोध से पहले अज्ञात थी। 

ग्रेट बैरियर रीफ यानी मूंगे की विशाल दीवार ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्व में स्थित है कई प्रजातियों और जैव विविधता का भंडार है।  यह करीब 3.48 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली है और इसकी कुल लंबाई 2,300 किलोमीटर है। इसमें मूंगे के 400 प्रकार और मछलियों की 1,500 प्रजातियों के अलावा 4,000 तरह के स्नेल और मोलेस्क हैं। 

खेतों से रीफ में प्रवाहित होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास सरकारों और एजेंसियों के लिए प्राथमिक चिंता का विषय रहा हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाली विरंजन या ब्लीचिंग के खिलाफ रीफ की सहन शक्ति और क्षमता को बढ़ाने के लिए पानी की गुणवत्ता में सुधार आवश्यक है।

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