केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने उन शहरों की लिस्ट में 20 नाम और जोड़े हैं जिनकी हवा साफ करने के लिये विशेष कदम उठाये जाने हैं। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत अब तक देश के 102 शहरों को चुना गया था। साल 2024 तक इन शहरों के वायु प्रदूषण में 30% कटौती का लक्ष्य था जिसे जानकार ऊंट के मुंह में ज़ीरे की तरह बता रहे हैं। अब CPCB ने आंध्र प्रदेश के 8 और बंगाल के 6 शहरों समेत कुल 20 शहर इस सफाई अभियान में जोड़ दिये हैं।
उधर NGT ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि वह अपना क्लीन एयर प्रोग्राम और दुरस्त करे ताकि 2024 के लिये हवा को साफ करने का एक मज़बूत लक्ष्य हो। पिछली 6 अगस्त को कोर्ट ने एक 15 सूत्रीय कार्यक्रम जारी कर पर्यावरण मंत्रालय से NCAP के लक्ष्य और ऊंचे करने को कहा था ताकि PM2.5 और PM10 जैसे कणों को और अधिक घटाया जा सके।
कोयला बिजलीघर: सरकार समय सीमा बढ़ाने के बाद अब नियमों में देगी ढील?
क्या सरकार ने अपने ही वैज्ञानिकों की सलाह के उलट कोयला बिजलीघरों को प्रदूषण मानकों में और छूट देगी? अंग्रेज़ी अख़बार बिज़नेस स्टैंडर्ड के मुताबिक केंद्र थर्मल पावर प्लांट्स के लिये 4 साल पहले बनाये गये नियमों में और ढील देने का फैसला किया है। यह महत्वपूर्ण है कि बिजली मंत्रालय ने ऑन-लाइन पॉल्यूशन मॉनिटरिंग सिस्टम के आंकड़ों को मानने से इनकार कर दिया। यह जानना ज़रूरी है कि पर्यावरण मंत्रालय की ओर से 2015 में बनाये गये नियम अब तक कागज़ों पर ही हैं। पहले इन्हें दिसंबर 2017 से लागू होना था। लेकिन बिजली मंत्रालय के अनुरोध पर बिजलीघरों को 5 साल की छूट दे दी गई लेकिन ऐसा लगता नहीं कि पावर प्लांट्स 2022 तक से भी इन नियमों का पालन करेंगे।
मुंबई की हवा होती हवा के पीछे उद्योग और कूड़े के भंडार
उपग्रह से मिले आंकड़े और तस्वीरें बताती हैं कि मुंबई की ख़राब एयर क्वॉलिटी के लिये कई कारक ज़िम्मेदार हैं। इनमें थर्मल पावर प्लांट्स का धुंआं, धातु और तार उद्योगों का प्रदूषण और पत्थर निकालने वाली खदानों के अलावा ट्रकों और कारों का प्रदूषण भी शामिल है। इसके अलावा शहर में 12 जगह कूड़े के विशाल भंडार रोज जलाये जाते हैं। इसका धुंआ भी हवा को खराब कर रहा है। इन सभी की वजह से हवा में पार्टिकुलेट मैटर PM बढ़ रहे हैं और सांस की कई बीमारियां हो रही हैं।
अर्बन इमीशन नाम की संस्था ने सैटेलाइट तस्वीरों और आंकड़ों के आधार पर जो शोध किया है उसमें यह बातें सामने आयीं हैं। इस शोध में कहा गया है कि शहर के बाहर बने इंडस्ट्री हब काफी हद तक मुंबई की हवा पर असर डाल रहे हैं।
सोनभद्र में खनन की इजाज़त को NGT ने किया निरस्त
यूपी में अत्यधिक प्रदूषण के शिकार सोनभद्र के निवासियों को थोड़ी सी राहत मिली है। NGT ने यहां चार खनन कंपनियों – महार स्टोर, जय मां भंडारी स्टोन, वैष्णो स्टोन और गुरु कृपा – को खनन करने से रोक दिया है। अदालत ने इन सभी खनन यूनिटों से कहा है कि वह एक महीने के भीतर बतायें कि इस इलाके में हुये नुकसान की भरपाई कैसे होगी।
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