मॉनसून की विदाई की ख़बरों के बाद भी बारिश के अलर्ट जारी हो रहे हैं। मौसम विभाग ने तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक के कई हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की बात कही है। 17 अक्टूबर को हिमाचल, उत्तराखंड और यूपी में भारी बारिश की आशंका है। उधर बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती प्रसार के कारण एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है जो दक्षिण ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों तक असर दिखायेगा। अंडमान निकोबार द्वीप समूह और इसके आसपास कई इलाकों में बारिश और 50 किमी प्रतिघंटा तक हवा चलने के आसार हैं। इस कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने को कहा गया है। इस बारे में विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
थलीय जल हानि के मामल में भारत सर्वाधिक प्रभावित: विश्व मौसम संगठन
विश्व मौसम संगठन की नई रिपोर्ट का अंदाज़ा है कि टेरिस्टियल वॉटर शॉर्टेज (टीडब्लूएस) यानी थलीय जल में पूरे विश्व में 1 सेमी प्रति वर्ष की दर से गिरावट हो रही है। स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेस रिपोर्ट के विश्लेषण में बताया गया है कि भारत में यह गिरावट सबसे अधिक – पिछले 20 साल में 3 सेमी प्रति वर्ष की दर से – हुई है। कुछ इलाकों में तो यह हानि 4 सेमी प्रति वर्ष की दर से भी हो रही है। उत्तर भारत में हालात सबसे ख़राब हैं।
उधर विश्व मौसमविज्ञान कांग्रेस (डब्लूएमसी) ने ये भी कहा है कि मौसम विज्ञान, जलवायु और हाइड्रोलॉजी के क्षेत्र में आपसी सहयोग की ज़रूरत है।
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