संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में एक्ट्रीम वेदर यानी अचानक बाढ़, अति सूखा और भारी ओलावृष्टि या चक्रवाती तूफान जैसी घटनाओं की संख्या पिछले 50 सालों में 5 गुना बढ़ गई है। एटलस ऑफ मॉरेलिटी एंड इकोनोमिक लॉसेस फ्रॉम वेदर, क्लाइमेट एंड वॉटर एक्सट्रीम (1970-2019) नाम से प्रकाशित इस रिपोर्ट में 1970 से 2079 के बीच 771 आपदायें हुईं जबकि 2010 से 2019 के बीच 3,165 आपदाओं का पता चला। 1970 से 2019 के बीच आपदाओं में से 50% क्लाइमेट से जुड़ी थीं। कुल 45% में लोगों की मरने की घटनायें और 74% में आर्थिक क्षति की सूचना दी गई।
अच्छी बात ये है कि पूर्व चेतावनी जैसी टेक्नोलॉजी लगाने और बेहतर आपदा प्रबंधन की उपलब्धता से मौत की घटनाओं में करीब 3 गुना कमी हुई है। इस दौरान आर्थिक क्षति करीब 7 गुना – करीब 5 करोड़ डॉलर से 38 करोड़ डॉलर प्रति दिन बढ़ गई।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
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