बैटरी स्टोरेज: जर्मन रेलवे और कोरियाई कंपनी मिलकर एनर्जी स्टोरेज के लिये पुरानी बैटरियों का इस्तेमाल करेंगी।

इस्तेमाल हो चुकी इलैक्ट्रिक कार बैटरियों का होगा एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के रूप में इस्तेमाल

जर्मनी की नेशनल रेलवे कंपनी डॉयशे बान और कोरिया की कार निर्माता कंपनी किया ने पार्टनरशिप की है जिसके तहत ये दोनों कंपनियां विद्युत वाहनों में इस्तेमाल की जा चुकी लीथियम ऑयन बैटरियों को एनर्जी स्टोरेज के लिये फिर से इस्तेमाल करेंगी। कंपनियों का कहना है कि इन इस्तेमाल हो चुकी बैटरियों से किफायती ग्रीन एनर्जी स्टोरेज सिस्टम बनाया जा सकता है।   

पुरानी बैटरियों से बना यह एनर्जी स्टोरेज फोटोवोल्टिक सिस्टम से अतिरिक्त बिजली बचा सकता है या डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम का हिस्सा बनकर ट्रेन के रखरखाव वाले डिपो में पूरे दिन बिजली सप्लाई कर सकता है। इससे पीक पावर डिमांड की कीमत कम होगी। इस बारे में इस साल जुलाई में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था और अगले साल तक यह प्रोजेक्ट रफ्तार पकड़ लेगा। 

बीएमडब्लू 2025 से अपनी नई गाड़ियों में इस्तेमाल करेगी बेलनाकार बैटरियां 
जल्द चार्जिंग और लम्बी रेन्ज के लिये बीएमडब्लू बेलनाकार बैटरी सेल इस्तेमाल करेगी। इन्हें चीन की सीएटीएल और ईवीई एनर्जी जैसी पार्टनर कंपनियों के 6 प्लांट्स में बनाया जायेगा और 2025 तक इन्हें बीएमडब्लू की नई इलैक्ट्रिक कारों में लगा दिया जायेगा। बीएमडब्लू की न्यू जेनरेशन बैटरियों में कोबाल्ट का इस्तेमाल कम होगा और निकिल और सिलिकन का अधिक प्रयोग होगा जिससे इनकी एनर्जी डेन्सिटी 20% अधिक होगी और ये 30% अधिक तेज़ी से चार्ज हो पायेंगी। अपनी पुरानी गाड़ियों के मुकाबले बीएमडब्लू की इन इलैक्ट्रिक कारों की ड्राइविंग रेन्ज में भी करीब 30% की बढ़ोतरी होगी। 

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