केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने नए मानदंडों का मसौदा जारी किया है जिसके तहत अब नवीकरणीय ऊर्जा जनरेटर, वितरण कंपनियां, कैप्टिव बिजली परियोजनाएं और खुली पहुंच वाले उपभोक्ता अक्षय ऊर्जा प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। सीईआरसी 15 मार्च तक इस मसौदे पर टिप्पणियां स्वीकार करेगा।
योग्य पात्रों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए राज्य और केंद्रीय एजेंसियों से मान्यता प्राप्त करनी होगी। प्रमाण पत्र इस आधार पर जारी किया जाएगा कि कितनी बिजली उत्पन्न हुई और ग्रिड तक पहुंची। जारी किए गए प्रमाणपत्र रिडीम होने तक वैध रहेंगे।
भारत ने 2021 में स्थापित की 10GW नई सौर क्षमता
मरकॉम के अनुसार, भारत ने 2021 में रिकॉर्ड 10 गीगावाट सौर क्षमता स्थापित की, जो 2020 में स्थापित 3.2 गीगावाट की तुलना में 201% अधिक है। भारत की संचयी सौर क्षमता 49.3 गीगावाट है, जबकि 53 गीगावाट क्षमता और बढ़ने वाली है, मेरकॉम ने बताया। अध्ययन के अनुसार देश के बड़े सौर प्रतिष्ठानों में 83% यूटिलिटी-स्केल परियोजनाएं हैं और शेष 17% रूफटॉप सोलर हैं।
4.5 गीगावाट के साथ राजस्थान ने उच्चतम यूटिलिटी-स्केल सौर क्षमता बढ़ाई। गुजरात ने 1.2 गीगावाट और उत्तर प्रदेश 885 मेगावाट बढ़ाई।
जर्मनी 2035 तक अक्षय स्रोतों से प्राप्त करेगा सारी ऊर्जा
रॉयटर्स ने एक ड्राफ्ट पेपर का हवाला देते हुए बताया है कि जर्मनी 2035 तक बिजली की सभी जरूरतों को अक्षय स्रोतों से पूरा करने की योजना बना रहा है। यूरोप की सबसे अमीर अर्थव्यवस्था पर अन्य पश्चिमी देश रूसी गैस पर निर्भरता कम करने का दबाव बना रहे हैं।
मसौदे के अनुसार, जर्मन सरकार देश के अक्षय ऊर्जा स्रोत अधिनियम (ईईजी) में संशोधन करने को तैयार है और 2030 तक पवन या सौर ऊर्जा का हिस्सा 80% तक पहुंचने की उम्मीद है। तब तक जर्मनी की तटवर्ती पवन ऊर्जा क्षमता दोगुनी होकर 110 गीगावाट (GW) तक हो जानी चाहिए। शोध का अनुमान है कि अपतटीय पवन ऊर्जा 10 परमाणु संयंत्रों की क्षमता के बराबर 30 GW तक पहुंच जाएगी और सौर ऊर्जा तीन गुना से अधिक होकर 200 GW तक पहुंच जाएगी।
एलजी ने सौर पैनल निर्माण कारोबार छोड़ा
इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दक्षिण कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स सामग्री और लॉजिस्टिक्स की बढ़ती लागत और आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं के मुद्दों पर वैश्विक सौर पैनल व्यवसाय छोड़ रही है। चीनी प्रतिद्वंद्वियों की कम कीमतों के साथ प्रतिस्पर्धा ने एलजी के लिए बाजार में बने रहना मुश्किल बना दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार एलजी के सोलर मैन्युफैक्चरिंग बंद करने से अलबामा के हंट्सविले में कंपनी के कॉरपोरेट कैंपस में करीब 160 कर्मचारियों और 60 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स पर असर पड़ेगा। वहां 2018 से कंपनी के सोलर पैनल असेंबल हो रहे हैं। पीवी यूनिट में काम करने वाले कर्मचारियों को, जो कंपनी के बिजनेस सॉल्यूशंस (बीएस) डिवीजन का हिस्सा हैं, कंपनी के साथ उनके कार्यकाल के अनुरूप ट्रांजिशन सपोर्ट और पृथक्करण वेतन मुहैया कराया जाएगा।
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