तेल, गैस और एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी बीपी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में सौर और पवन ऊर्जा की क्षमता बढ़ने की रिकॉर्ड रफ्तार रही तेल उद्योग में दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सबसे बड़ी गिरावट आई। एनर्जी सेक्टर पर बीपी की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना महामारी के कारण कार्बन इमीशन में इस साल 6% की गिरावट हुई जो 1945 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। रिपोर्ट कहती है कि अगर धरती के तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित रखना है तो कोरोना के वक्त कार्बन इमीशन में जितनी गिरावट हुई वह सिलसिला अगले 30 साल तक जारी रहना चाहिये।
साल 2020 में वैश्विक रूप से तेल की मांग में 9.7% की गिरावट आयी लेकिन अब इस साल इसकी मांग 54 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ने की संभावना है और साल 2022 के अंत तक यह महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच जायेगा। एनर्जी सेक्टर पर बीपी की सालाना रिपोर्ट 1952 से लगातार प्रकाशित हो रही है और इसकी काफी साख है। बीपी ने आने वाले सालों में अपने साफ ऊर्जा कार्यक्रमों को तेज़ी से बढ़ाने और 2050 तक कार्बन न्यूट्रल होने का लक्ष्य रखा है।
कच्छ के रण में लगेगा देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क
सरकारी पावर कंपनी एनटीपीसी गुजरात में भारत का सबसे बड़ा सोलर फोटोवोल्टिक सेल प्रोजेक्ट लगायेगी। एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड ने कहा कि यह प्रोजेक्ट कच्छ के रण के खवाड़ा गांव में लगेगा। इस प्रोजेक्ट की अधिकतम क्षमता 4750 मेगावॉट होगी। कंपनी का कहना है कि सोलर और विन्ड के अलावा दूसरे साफ ऊर्जा स्रोतों पर भी विचार कर रही है। इस सोलर पार्क से एनटीपीसी आरआईएल का इरादा ग्रीन हाइड्रोजन बनाने का भी है।
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