चक्रवात की मार: राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे म्यांमार के लिए साइक्लोन मोका नई चुनौती पेश कर रहा है।

क्या चक्रवात से निपटने के लिए तैयार है म्यांमार

अधिकांश वेदर मॉडल बता रहे हैं कि बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान मोका बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर टकरायेगा। डाउन टु अर्थ में प्रकाशित इस रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि क्या म्यांमार इस शक्तिशाली तूफान से निपटने के लिये तैयार है। यह देश न केवल राजनीतिक अस्थिरता झेल रहा है बल्कि क्लाइमेट के लिहाज से भी बड़ा संकटग्रस्त है। मौसम विज्ञानी बता रहे हैं कि मोका शुक्रवार सुबह तक करीब 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर किसी जगह टकरायेगा। 

इस चक्रवात के कारण भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों (जैसे पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा)  में प्रभाव पड़ेगा। म्यांमार में इससे पहले 2008 में नर्गिस चक्रवात ने 84,000 लोगों की जान थी। बंगाल की खाड़ी से चक्रवातों का उठना कोई नयी बात नहीं है लेकिन समुद्र के बढ़ते तापमान के कारण अब यह चक्रवातों की संख्या बढ़ रही है और वह अधिक ताकतवर हो रहे हैं। 

जोशीमठ में भवनों में फिर दरारों की शिकायत, डर बढ़ा 

उत्तराखंड के जोशीमठ में संकट के बादल गहरा रहे हैं। लोगों ने एक बार घरों में दरारें बढ़ने की शिकायत की है। मीडिया में प्रकाशित ख़बरों के मुताबिक यह दरारें उन घरों में आईं हैं जिन्हें सुरक्षित इलाका माना जा रहा था हालांकि दिसंबर और जनवरी में जोशीमठ के कई ब्लॉक्स में भूधंसाव और भवनों में दरार  के बाद सरकार ने पूरे  जोशीमठ को भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया था और  सैकड़ों घरों को खाली कराया गया।

आपदा प्रबंधन विभाग ने  शहर के दो होटलों को गिरा दिया था। नया संकट इस क्षेत्र में बरसात के बाद शुरू हुआ है और एक बार फिर से लोगों में भय है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले दो महीनों में हालात के स्थिर होने की उम्मीद जगी लेकिन अब कुछ लोगों द्वारा घरों में दरारों की शिकायत से फिर डर बढ़ गया है। आधिकारिक रूप से अभी तक जोशीमठ के 9 ब्लॉक्स के कुछ 868 घरों में दरारें हैं जिनमें 181 घर असुरक्षित ज़ोन में चिन्हित किये गये हैं। प्रशासन के मुताबिक 53 परिवारों को 14.38 करोड़ का मुआवज़ा दिया जा चुका है। 

रिकॉर्ड हीटवेव बिना जलवायु परिवर्तन प्रभाव के नामुमकिन: शोध 

नये वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि भूमध्यसागरीय क्षेत्र में पिछले महीने चली रिकॉर्डतोड़ हीटवेव बिना किसी क्लाइमेट चेंज प्रभाव के संभव नहीं है। यहां तक कि ग्लोबल वॉर्मिंग प्रभावों को जोड़ने पर भी यह एक असामान्य घटना है। अगर सांख्यिकी के हिसाब से देखें तो इतनी ज़बरदस्त हीटवेव 400 सालों में कभी एक बार होनी चाहिये। वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन की ताज़ा रिपोर्ट में हीटवेव को लेकर यह गंभीर चेतावनी दी गई हैं। भूमध्य सागरीय क्षेत्र और उसके आसपास बसे देशों में तापमान सामान्य से कई डिग्री ऊपर गया है। 

पुर्तगाल में अप्रैल का तापमान 36.9 डिग्री, स्पेन में करीब 39 डिग्री सेंटीग्रेट तो अल्जीरिया में 40 डिग्री पहुंच गया। मोरक्को के कुछ शहरों में तो यह  41 डिग्री पार कर गया। 

डब्लूएचओ ने कोविड महामारी के खात्मे की घोषणा की 

कोरोना वायरस से दुनिया में हुई पहली मौत के करीब साढ़े तीन साल बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ)  ने अब इस महामारी के अन्त की घोषणा कर दी है। 11 जनवरी 2020 में चीन में  कोविड से हुई पहली मौत को स्वीकार किया गया था और उसके बाद करीब 3 हफ्ते बाद 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आधिकारिक रूप से इसे वैश्विक महामारी घोषित किया।  

पूरी दुनिया में कोरोना महामारी से करीब 70 लाख लोगों की जान गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक भारत में इस महामारी से 4.5 करोड़ लोग संक्रमित हुये और 5.3 लाख लोगों की जान गई। कोविड महामारी के खात्मे की आधिकारिक घोषणा से पहले ही दुनिया के सभी देशों में रोजमर्रा की दिनचर्या लगभग सामान्य हो गई है। 

कनाडा के जंगलों में भीषण आग, हज़ारों लोगों को घर छोड़ना पड़ा 
पश्चिमी कनाडा में जंगलों में आग की सौ से अधिक घटनाओं के बाद करीब 30,000 लोगों को घर छोड़ना पड़ा है। तीस से अधिक जगह आग नियंत्रण से बाहर बताई जा रही हैं। जंगलों में यह आग पश्चिम कनाडा के अलबर्टा प्रान्त में लगी हैं जो तेल बाहुल्य क्षेत्र है। यहां पिछले रविवार को 109 जगहों में आग धधकने के बाद तेल और प्राकृतिक गैस से जुड़े काम रोक दिये गये और आपातकाल की घोषणा कर दी गई।  इतनी बड़ी आग के बाद तापमान में तीव्र वृद्धि के कारण बर्फ पिघलने से ब्रिटिश कोलंबिया के कई इलाकों बाढ़ आ गई।

Website |  + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

कार्बन कॉपी
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.