नया पायदान: सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन की ताज़ा नीलामी में कंपनियों ने रिकॉर्ड निचले दामों में बिजली देने का करार किया है। माना जा रहा है कि यह वितरण कंपनियों के भरोसे से संभव हुआ है | Photo: Recharge News

सोलर की दरों में रिकॉर्ड गिरावट

भारत ने सोलर पावर की दरों में नया पायदान हासिल किया है।  सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) की 1,070 मेगावॉट प्रोजेक्ट की बिडिंग में देसी और विदेशी कंपनियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और पहले के 2.36 रु प्रति यूनिट का रिकॉर्ड टूट गया। इस नीलामी में 2 रुपये प्रति यूनिट का दाम तय हुआ है। IEEFA के टिम बकले  ने इस डील के बाद ट्वीटर पर कोयले के लिये “गेम ओवर” लिखा। नीलामी में 2 रु की दर पर सिंगापुर की कंपनी ने 400 मेगावॉट और सऊदी अरब की कंपनी ने  200 मेगावॉट का ठेका हासिल किया। बचा हुआ 470 मेगावॉट का ठेका एनटीपीसी  को 2.01 रु की दर पर मिला।

विशेषज्ञ बताते हैं कि इन कंपनियों ने इतनी सस्ती दरों पर बिजली देने का फैसला इसलिये किया क्योंकि राजस्थान वितरण कंपनियां  ने सारी बिजली खरीदने पर सहमति कर दी है और बिजली खरीद को लेकर कोई अनिश्चितता नहीं है।

कोल इंडिया का मेगा सोलर प्लान  

भारत की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी अब सोलर पावर के क्षेत्र में प्रवेश कर रही है। कोल इंडिया 3,000 मेगावॉट के सोलर प्लांट्स में 5,650 करोड़ रुपये निवेश कर रही है। कोल इंडिया अभी देश की सबसे बड़ी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जक कही जाती है लेकिन उसका इरादा साल 2023-24 तक नेट ज़ीरो इमीशन कंपनी बनना है। अभी देश की 55% से अधिक बिजली कोयला बिजलीघरों से आती है और कुल बिजली स्थापित (installed capacity) क्षमता (373 GW) का केवल 10% (36 GW) ही सोलर पावर है। हालांकि स्थापित क्षमता में कुल साफ ऊर्जा – जिसमें सोलर के साथ पवन, हाइड्रो, न्यूक्लियर आदि भी शामिल है – का हिस्सा 25% है।

सरकार ने सोलर टेंडर्स के साथ ज़मानत की दरें घटाई

कोरोना महामारी के असर को देखते हुये सरकार ने सोलर टेंडर्स के साथ जमा होने वाला परफोर्मेंस सिक्योरिटी डिपोज़िट (PSD) यानी ज़मानत घटा दी है। अब यह ज़मानत ठेके की कुल राशि की 3% होगी जबकि पहले टेंडर राशि की 5 से 10 प्रतिशत PSD जमा करनी पड़ती थी। अधिकारियों का कहना है कि वित्त मंत्रालय के इस आदेश से कंपनियों को मंदी के दौर में प्रोजेक्ट चलाने में सहूलियत होगी। यह सुविधा उन ठेकों पर लागू नहीं होगी जिन पर विवाद है और अदालत में सुनवाई चल रही है।

Website | + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.