हवाई अड्डे पर सवाल: सरकार की जांच कमेटी ने कहा है कि अंडमान में प्रस्तावित एरोड्रोम की पर्यावरणीय आकलन रिपोर्ट अधूरी है और मानकों को पूरा नहीं करती फोटो - Canva

सरकारी पैनल ने उठाये अंडमान में बन रहे हवाई अड्डे पर सवाल

पर्यावरण मंत्रालय के एक एक्सपर्ट जांच कमेटी (ईएसी) ने अंडमान के स्वराज द्वीप में बन रहे एक एरोड्रोम (छोटा हवाई अड्डा) पर चिन्ता ज़ाहिर की है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस एरोड्रोम के लिये पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट काफी अधूरी है और पर्यावरणीय मानकों को पूरा नहीं करती। पैनल का कहना है कि रिपोर्ट में इस बात की जानकारी नहीं है कि एरोड्रोम के लिये मैंग्रोव के नष्ट होने पर उसका क्या प्रभाव द्वीप पर होगा। 

एक्सपर्ट जांच कमेटी का कहना है कि रिपोर्ट में “ज़्यादातर द्वितीयक (सेकेंडरी) डाटा” दिये गये हैं और “टूरिज्म की वजह से जलीय और प्राकृतिक पर्यावरण के सापेक्ष उस क्षेत्र विशेष की जैव विविधता का अध्ययन” नहीं किया गया। कमेटी ने प्रोजेक्ट के लिये दोबारा पर्यावरण आंकलन रिपोर्ट जमा करने को कहा है जिसमें कई तथ्य स्पष्ट करने को कहा है। इनमें सी-प्लेन के क्रेश होने का खतरा, केंद्र और राज्य से तटीय क्लीयरेंस की स्थिति के अलावा यहां के जंतुओं और पक्षियों में एरोड्रोम से उठे शोर का पुन: आंकलन करने को कहा गया है। 

ग्रेटर निकोबार द्वीप में टाउनशिप से कछुओं के प्रजनन क्षेत्र को खतरा 

ग्रेटर निकोबार द्वीप में एक प्रस्तावित टाउनशिप प्रोजेक्ट से कछुओं और मेगापोड के प्रजनन क्षेत्रों को खतरा हो सकता है। यह पूरा इलाका विलुप्त होती प्रजातियों का घर है जिनमें लेदरबैक टर्टल शामिल हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की एक्सपर्ट अप्रेज़ल कमेटी ने हालांकि इस प्रोजेक्ट के लिये शर्तों (टर्म ऑफ रिफरेंस) की सिफारिश की है, जो कि प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने की दिशा में पहला कदम है, लेकिन कुछ चिंतायें भी ज़ाहिर की हैं। 

कमेटी का कहना है कि प्रोजेक्ट को बनाते हुए तकनीकी और वित्तीय व्यवहारिकता को ध्यान में रखा गया लेकिन पर्यावरणीय सरोकारों का खयाल नहीं रखा गया। पैनल ने सलाह दी है कि जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया या वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया जैसे किसी स्वतंत्र संस्थान से इस प्रोजेक्ट का आंकलन कराया जाये।    

गोवा: सुप्रीम कोर्ट के बनाये पैनल ने 3 प्रोजेक्ट्स पर जताई चिंता 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किये पैनल ने गोवा के संरक्षित इलाकों में तीन प्रोजेक्ट्स पर चिंतायें जतायी हैं। गोवा में नागरिक कार्यकर्ता एक साल से इन प्रोजेक्ट्स का विरोध कर रहे हैं। सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये तीन प्रोजेक्ट राज्य के मोलम नेशनल पार्क और भगवान महावीर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के लिये ख़तरा हैं। इसने यहां से गुजरने वाली रेलवे लाइन की प्रस्तावित डबल-ट्रैकिंग और नई गोवा-तम्नार ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट  को रद्द करने की सिफारिश की है। कमेटी ने यह भी कहा है कि कर्नाटक-गोवा सीमा पर सड़क राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिये पहले ग्रीन क्लीयरेंस हासिल किया जाये। 

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