पैसा के दम पर प्रदूषण: प्रदूषण रोकने की टेक्नोलॉजी पर कोल प्लांट्स को एक बार फिर ढील देने के सरकारी फैसले को जानकार कमज़ोर इच्छाशक्ति की निशानी बता रहे हैं। फोटो: The Weather Channel

पैसा दो, प्रदूषण करो: कोयला बिजलीघरों के लिये समय सीमा फिर बढ़ी

भारत में कोयला प्लांट के लिये उनकी चिमनियों से निकलने वाले ज़हरीले धुंयें को रोकने की टेक्नोलॉजी लगाने की समय सीमा फिर बढ़ा दी गई है। कोयला बिजली घरों से निकलने वाली जानलेवा सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2) रोकने के लिये फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) 2017 तक लगाई जानी थी लेकिन इसे पहले 2022 तक पास साल का एक्सटेंशन दिया गया और अब सरकार ने कहा है कि जो संयंत्र 2022 तक ऐसा नहीं कर सकते वह जुर्माना चुका कर बिजली घर चालू रख सकते हैं। 

पर्यावरण मंत्रालय का आदेश कहता है कि दिल्ली और घनी आबादी के पास बने बिजली घरों को 2022 तक ये टेक्नोलॉजी लगानी होगी और जो प्लांट कम घनी आबादी के पास हैं वो 2025 तक एफजीडी लगायें या फिर प्लांट को बन्द कर दें। निजी कंपनियों रिलांयंस पावर और अडानी पावर के अलावा सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड भी नियमों में ढील देने के लिये ज़ोर लगा रही है क्योंकि उनका मानना है कि इस टेक्नोलॉजी पर खर्च बहुत ज़्यादा है। 

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को तेज़ करने के लिये एमओयू

देश के 132 शहरों में शुरु किये गये नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की रफ्तार बढ़ाने के लिये केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम से जुड़ी अलग-अलग एजेंसियों – राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, नगरपालिकायें और जाने माने संस्थान – के साथ एमओयू साइन किया है।  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार अगले चार साल में प्रदूषण का स्तर 20% कम करना चाहती है।  जावड़ेकर ने यह माना कि एनसीएपी को लागू करने में सुस्ती हुई है और कहा कि देश के विभिन्न शहरों में 6000 इलैक्ट्रिक बसों के लिये पैसा दिया गया था लेकिन कुल 600 बसें ही खरीदी गईं। उन्होंने कहा कि अगर कोई शहर बजट का इस्तेमाल नहीं कर पाता तो वह पैसा दूसरे शहर को दिया जायेगा। 

जानिये यूरोप की दस सबसे अधिक प्रदूषण करने वाली एयरलाइंस के बारे में 

जर्मन एयरलाइंस लुफ्तांसा, ब्रिटिश एयरवेज़, एयर फ्रांस यूरोप की सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाली एयरलाइंस हैं।  यह बात पहली बार सार्वजनिक किये गये आंकड़ों से निकल कर आई है। अध्ययन बताता है कि साल 2019 में लुफ्तांसा ने 1.91 करोड़ टन कार्बन स्पेस में छोड़ा जबकि ब्रिटिश एयरवेज़ ने 1.84 करोड़ टन और एयर फ्रांस ने 1.43 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जित किया। यूके यूरोप का अकेला देश है जिसकी एक से अधिक एयरलाइन दस सबसे बड़ी प्रदूषक एयरलाइंस की लिस्ट में है। 

कोयला बिजलीघरों से प्रदूषण यूरोप में ले रहा हर साल 34,000 लोगों की जान 

एक नये शोध में पता चला है कि कोयला बिजलीघरों से होने वाला प्रदूषण यूरोप में हर साल 34,000 लोगों की जान ले रहा है। रिसर्च बताती है कि कोयला बिजलीघरों से निकल रहे पीएम 2.5 कण कम से कम 16,800 लोगों की दिल की बीमारी और सांस की तकलीफ से मौत का कारण बन रहे हैं। वैसे शोध में कहा गया है कि कोयला बिजलीघरों का प्रदूषण इससे कहीं अधिक हो सकता है और इस कारण मृत्यु संख्या 33,900 तक जा सकती है। इन्वायरेंमेंटल रिसर्च लेटर्स में छपा यह शोध यूरोपियन पॉल्यूटेंट रिलीज़ और ट्रांसफर रजिस्टर के आंकड़ों पर आधारित है। विस्तार में यह रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है।

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