सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल मॉनसून मिशन और अति दक्ष कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग पर जो निवेश किया गया है उसके 50 गुना फायदा होंगे। आर्थिक नीतियों पर काम करने वाले दिल्ली स्थित संस्थान नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकोनोमिक रिसर्च (NCAER) ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन योजनाओं किया गया 1,000 करोड़ का निवेश करीब 1.07 करोड़ लोगों को 50,000 करोड़ का आर्थिक फायदा पहुंचायेगा। यह लाभ उत्तर भारत के एक बार फिर से घातक प्रदूषण की गिरफ्त में फंसे लोगों तक पहुंचेगा । यह फायदा गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले खेतीहर लोगों को मिलेगा। इसके अलावा मछली पालन से जुड़े 53 लाख गरीब परिवारों को भी इसका फायदा होगा।
हिमालयी क्षेत्र में कार्बन का जमाव
हिमालय में लगाये गये रिसर्च स्टेशनों से जो एयर सेम्पल मिले हैं उनमें 28% कार्बन के कण या सूक्ष्म गोलियां (टार-बॉल) हैं। पर्यावरण और प्रौद्योगिकी पर अध्ययन करने वाले जर्नल में छपे शोध से यह बात पता चली है कि यह टार बॉल जीवाश्म ईंधन जलाने से निकलने वाला कार्बन है जो बर्फ में चिपक जाता है। इस पर अधिक जानकारी के लिये आप डाउन टु अर्थ मैग्ज़ीन में छपी इस ख़बर को पढ़ सकते हैं जिसमें बताया गया है कि यह समस्या अधिक प्रदूषण वाले दिनों में हिमालयी क्षेत्र में कार्बन का प्रतिशत बढ़ा है।
अमेज़न से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जारी एक नये अध्ययन में पता चला है कि अमेजन की आग बुझने के बाद भी वहां से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जारी है। शोध बताता है कि जंगल में लगी आग बुझने के 20 साल बाद तक इमीशन करती रहती है। ऐसा पेड़ों के धीरे धीरे डिकम्पोजिशन के कारण होता है। एक अन्य अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि धरती का तापमान 2 डिग्री बढ़ने से पूरी दुनिया में मिट्टी से करीब 230 बिलियन टन कार्बन रिलीज़ होगा। यह पिछले 100 साल में चीन द्वारा उत्सर्जित कुल कार्बन का 4 गुना और अमेरिका द्वारा छोड़े गये कार्बन के दुगने के बराबर है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
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