रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने रिफायनरी बिजनेस का 20% सऊदी कंपनी अराम्को को बेचना चाहती थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण ठंडे हुये तेल बाज़ार ने इस डील पर पानी फेर दिया है। मुकेश अंबानी अपने व्यापार के 20% के लिये 7500 करोड़ अमेरिकी डालर मांग रहे थे लेकिन नये हालात में अराम्को ने कहा है कि वह पुर्नमूल्यांकन चाहती है। इस सौदे की घोषणा पिछले साल हुई थी जिसमें गुजरात के जामनगर में रिलायंस की रिफायनरी के साथ फ्यूल रिटेलिंग बिजनेस का हिस्सा बिकना था।
बड़ी तेल कंपनियों ने चतुराई से बनाया कार्बन इमीशन घटाने का लक्ष्य
दुनिया की बड़ी तेल और गैस ड्रिलिंग कंपनियों ने संयुक्त रूप से अपनी कार्बन तीव्रता घटाने का लक्ष्य जारी किया है। लक्ष्य के मुताबिक कंपनियों की तीव्रता में साल 2025 तक प्रति बैरल 20-25 किलो CO2 के बराबर होगी। साल 2017 में कार्बन तीव्रता करीब 23 किलो CO2 के बराबर थी। महत्वपूर्ण है कि कार्बन तीव्रता में कमी का मतलब कार्बन उत्सर्जन में कमी नहीं है। कंपनियों के कुल कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि तेल और गैस सेक्टर में लगातार विस्तार हो रहा है।
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