अधिक प्रदूषण से भरे शहरों में रहने वाले लोगों को कोरोना वाइरस से अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत है। ये चेतावनी उन विशेषज्ञों ने दी है जो लम्बे समय से वायु प्रदूषण के सेहत पर असर का अध्ययन कर रहे हैं। इनमें कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में स्टेज – 3 कोरोना संकट का बड़ा असर हो सकता है। कोलकाता में घनी आबादी के कारण यह खतरा सबसे अधिक बताया जा रहा है। इन शहरों में ज़्यादातर लोगों खासतौर से बुज़ुर्गों के फेफड़ों की ताकत कम हो जाती है जो कि वाइरस के अटैक के बाद उनके लिये मुश्किल बन सकती है।
कोरोना: लॉकडाउन ने की शहरों की हवा साफ
भारत के सभी बड़े शहर दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में हैं लेकिन पिछले दिनों कोरोना वाइरस के हमले के बाद घोषित किये गये लॉकडाउन के कारण इन शहरों की एयर क्वॉलिटी में सुधार हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मार्च के दिन जनता कर्फ्यू का आह्वान किया और उस दिन देश भर में NO2 का औसत स्तर रिकॉर्ड निचले लेवल पर रहा। यह गैर वाहनों औऱ पावर प्लांट्स की चिमनियों से निकलती है और कई बीमारियों के लिये ज़िम्मेदार है। इसी तरह सारे वाहनों के रोड से हट जाने के कारण दिल्ली का PM 2.5 का स्तर करीब चार गुना कम हो गया है। सभी शहरों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स संतोषजनक स्तर पर रिकॉर्ड किया जा रहा है जो कि कोरोना के चुनौती भरे क्षणों में एकमात्र बड़ी उपलब्धि है।
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