अक्टूबर का दूसरा हफ्ता खत्म होते होते दिल्ली और आसपास के इलाकों की एयर क्वॉलिटी “बहुत ख़राब” की श्रेणी में पहुंच गई। हरियाणा, पंजाब और आसपास के इलाकों में फसल की खुंटी जलाना प्रमुख वजह रहा। इसे देखते हुये दिल्ली-एनसीआर के इलाके में आपातकालीन उपाय का ऐलान किया गया है जिसे ग्रेडेड एक्शन प्लान (GRAP) भी कहा जाता है। इसके तहत 15 अक्टूबर से डीज़ल जेनरेटर पर पाबंदी लगा दी गई है। फसल संबंधी आग में 9 दिनों के भीतर 6 गुना बढ़ोतरी हुई। GRAP के तहत ईंट के भट्ठों को बन्द करने के अलावा, सड़क पर पानी छिड़कने और सफाई के लिये झाड़ू के बजाय मशीन का इस्तेमाल और केवल गैस से चलने वाले बिजलीघरों को ही अनुमति दी जाती है।
दिल्ली में सड़क पर कारों की संख्या कम करने के लिये ऑड-ईवन योजना की घोषणा पहले ही की जा चुकी है जो 4 नवंबर से लागू होगी।
प्लास्टिक जलाने पर सज़ा, दिल्ली और हरियाणा सरकार को ढिलाई पर फटकार
प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिये बनी EPCA ने दिल्ली और हरियाणा सरकार को चेतावनी दी है। यह चेतावनी इसलिये दी गई है क्योंकि ये सरकारें प्लास्टिक जलाने वालों को रोकने में नाकाम रहीं। इसके अलावा निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण और सड़क पर उड़ने वाली धूल से निपटने के पर्याप्त उपाय नहीं किये गये। EPCA प्रमुख भूरे लाल ने दिल्ली के मुंडका और टिकरी कलां के साथ हरियाणा के बहादुरपुर का दौरा किया और नियम तोड़ने वालों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्लास्टिक जलाने पर रोक लगा दी थी और दिल्ली सरकार पर टिकरी कलां में प्लास्टिक बर्निंग रोकने पर नाकाम रहने के लिये के लिये 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
आई खुंटी जलाने के पूर्वानुमान की तकनीक, किसानों ने मांगा मुआवज़ा
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने एक आधुनिक एयर क्वॉलिटी वॉर्निंग सिस्टम शुरू किया है जिससे हर साल उन जगहों का पता चल पायेगा जहां किसी विशेष दिन खुंटी जलाये जाने की संभावना है। वैज्ञानिकों ने 15 साल के डाटा के आधार पर यह सिस्टम तैयार किया है और इससे अधिकारियों को खुंटी जलाने की घटना रोकने और नियम तोड़ने वालों को दंडित करने में सहूलियत होगी।
उधर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों खुंटी जलाना जारी रखा है और सरकार से कहा है कि दो फसलों के बीच कम वक़्त होने और मुआवज़ा न मिलने की स्थिति में उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। किसान कहते हैं कि धान की फसल समेटने और गेहूं की फसल रोपाई बीच केवल 3 हफ्ते का फासला होता है।
ईंट भट्टा मालिक कोर्ट को अपना पक्ष समझाने में नाकाम रहे, देना होगा जुर्माना
पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट ने ईंटा भट्ठा मालिकों की अपील ठुकरा दी है जिसमें उन्होंने जुर्माने में माफी या ढील की गुहार की थी। इन भट्ठा मालिकों पर अपने ईंट भट्ठों को नये मानकों के हिसाब से अपग्रेड न करने के लिये यह दंड लगाया गया था। इन भट्ठों पर उत्पादन क्षमता के हिसाब से 20 से 25 बज़ार रुपये प्रतिदिन का दंड लगाया गया है। कोर्ट ने यह जुर्माना इस साल 22 जनवरी को NGT द्वारा दिये गये आदेश के तहत लगाया है।
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