वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत करते हुए क्लाइमेट रेसिलिएंस और एनर्जी ट्रांज़िशन को मजबूत करने के लिए पर्यावरण, साफ ऊर्जा, स्वास्थ्य और कृषि से जुड़ी कई पहलों की घोषणा की।
आइए जानते हैं इन घोषणाओं के दस मुख्य बातें:
1. भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में कोयले का प्रभुत्व कम करने के लिए 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए परमाणु ऊर्जा सेक्टर में निजी भागीदारी को अनुमति देने के साथ-साथ स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के लिए 20,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
2. बजट में भारत की अक्षय ऊर्जा सप्लाई चेन में सुधार, रोजगार पैदा करने, और सोलर, पवन और बैटरी निर्माण में निवेश को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सरकार अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र को शामिल करके स्वच्छ ऊर्जा में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगी।
3. बजट में कृषि क्षेत्र के लिए नौ नए कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। इनमें किसानों को उच्च उपज वाले बीज मुहैया कराने के लिए भी एक मिशन है जिसके तहत कीटनाशक रोधी और चरम मौसम के अनुकूल बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
4. सोलर पीवी सेल, ईवी बैटरी, पवन टर्बाइन और इलेक्ट्रोलाइजर्स के उत्पादन पर केंद्रित नेशनल मैनुफैक्चरिंग मिशन की घोषणा की गई है। साथ ही कोबाल्ट पाउडर और लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप सहित 12 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क को हटा दिया गया है। इससे घरेलू क्लीन-टेक प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा। बैटरी निर्माण को मिला समर्थन उभरते ईवी उद्योग के लिए अच्छी खबर है।
5. बजट में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को 3,412.82 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले नौ प्रतिशत अधिक है। बजट इकोसिस्टम और वन्यजीव संरक्षण और फॉरेस्ट कवर बढ़ाने के लिए अधिक धन आवंटित किया गया है। फॉरेस्ट कवर का विस्तार करने, मौजूदा जंगलों की रक्षा करने और जंगल की आग को रोकने के लिए ग्रीन इंडिया मिशन को 220 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछले साल यह आवंटन 160 करोड़ रुपए था।
6. विशेषज्ञों का तर्क है कि बजट में वायु प्रदूषण, इकोसिस्टम की बहाली या बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया है। हालांकि उन्होंने रूफटॉप सोलर योजना के विस्तार और ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश का स्वागत किया है।
7. बजट में जल जीवन मिशन की समयसीमा को 2028 तक के लिए बढ़ाया गया है और योजना के लिए 67,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लेकिन गौरतलब है कि पिछले साल बजट में आवंटित राशि को संशोधित अनुमान में 67 प्रतिशत कम कर दिया गया था।
8. स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी अधिकांश योजनाओं में बजट आवंटन बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य बजट को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 99,858.56 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इसमें कैंसर के मरीजों के लिए डे केयर सेंटर बनाने की घोषणा भी की गई है। इसके अलावा 36 जीवन रक्षक दवाओं के सीमा शुल्क में छूट देने की बात की गई है।
9. ग्रामीण विकास बजट में पिछले साल के मुकाबले लगभग 14 हजार करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है, लेकिन महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रारंटी अधिनियम (मनरेगा) का बजट नहीं बढ़ाया गया है।
10. राज्यों में माइनिंग सेक्टर में सुधारों का आह्वान करते हुए वित्तमंत्री ने एक स्टेट माइनिंग इंडेक्स की घोषणा की। इसके अलावा, अवशेषों से महत्वपूर्ण खनिजों की प्राप्ति के लिए एक नीति की घोषणा की गई है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
धराली त्रासदी: हर्षिल में बनी कृत्रिम झील, बचाव कार्य जारी
-
धराली त्रासदी: बादल फटने से नहीं, इन वजहों से आई खीरगंगा में अचानक बाढ़
-
उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: कई घर बहे; 4 की मौत, दर्जनों फंसे
-
ट्रंप ने भारत के रूसी तेल आयात पर लगाई ‘पेनल्टी’
-
नेपाल-चीन सीमा पर बाढ़ से तबाही, मानसरोवर यात्रा बाधित; क्यों गंभीर होते जा रहे हैं ऐसे हादसे