मंगलवार को हुई मूसलाधार बारिश ने कोलकाता और आसपास के जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया। 24 घंटों से भी कम समय में करीब 251 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो पिछले चार दशकों में सबसे भारी बारिश की घटनाओं में एक है। इस आपदा में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से नौ की जान करंट लगने से गई।
भारी वर्षा ने सड़कों को नदियों में बदल दिया और मेट्रो रेल, लोकल ट्रेन तथा बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। हवाई यातायात पर भी इसका गहरा असर पड़ा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मंगलवार को 90 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि दर्जनों उड़ानें देरी से रवाना हुईं।
शहर के गरिया, जाधवपुर और साल्ट लेक जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां घरों और दुकानों में पानी भर गया। कई जगह लोग घुटनों से कमर तक पानी में पैदल चलने को मजबूर हुए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति को “अभूतपूर्व” बताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और निजी बिजली आपूर्ति कंपनी सीईएससी पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि मृतकों के परिजनों के एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा और कंपनी से मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।
लगातार बारिश और जलभराव से कई दुर्गा पूजा पंडाल क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे अधिक प्रभाव दक्षिण कोलकाता में पड़ा जहां आयोजक और कलाकार बड़ी परेशानी में हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पंडाल उद्घाटन कार्यक्रमों को रद्द कर दिया, और लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा।
नगर निगम की टीमें लगातार पंपिंग कर पानी निकालने में जुटी हैं, हालांकि कई निचले इलाके अब भी जलमग्न हैं। प्रशासन ने सभी सरकारी स्कूल-कॉलेज 25 सितम्बर तक बंद रखने का फैसला किया है, जिससे दुर्गापूजा की छुट्टियां पहले ही शुरू हो गईं।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भारी बारिश की आशंका से इंकार किया है, लेकिन हल्की से मध्यम वर्षा और तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है। त्योहारों से पहले सामान्य स्थिति बहाल करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
ला नीना के कारण उत्तर भारत में पड़ सकती है ज्यादा सर्दी
-
उत्तराखंड में बारिश का कहर, 15 जानें गईं; हिमाचल में अबतक 400 से अधिक की मौत
-
बारिश से बेहाल उत्तर भारत; पंजाब में 1,300% तो हरियाणा में 700% अधिक वर्षा
-
उत्तरकाशी बाढ़: अब तक केवल एक शव बरामद, कम से कम 66 लापता
-
‘हवा में गायब’ हो सकता है हिमाचल प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट