मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में अगले पांच दिनों तक अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है।
देश के कई हिस्सों में पारा पहले से ही फरवरी के सामान्य तापमान से ऊपर चल रहा है। ऐसे में लोगों को आशंका है कि इस साल भीषण गर्मी और लू का सामना करना पड़ सकता है।
आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि ‘अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि, इसके बाद पारा दो से तीन डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है’।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च के शुरुआती दिनों में ही देश के कुछ हिस्सों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर जा सकता है।
आईएमडी के अनुसार, ‘दिन के समय इस बढ़े हुए तापमान से गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इस अवधि में फसल तापमान के प्रति संवेदनशील होती है। फूल आने और पकने की अवधि के दौरान अधिक तापमान होने पर उपज में कमी आती है’।
अन्य खड़ी फसलों और पेड़-पैधों पर भी इसी तरह का प्रभाव पड़ सकता है। आईएमडी ने कहा कि अगर फसल के विकास में कमी दिख रही हो तो किसान हल्की सिंचाई कर सकते हैं।
मौसम विभाग ने कहा है कि इस असामान्य रूप से गर्म फरवरी के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख है एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के कारण वर्षा होती है जिससे तापमान कम रहता है।
यह भी कहा जा रहा है कि दक्षिण गुजरात के ऊपर एक एंटी-साइक्लोन (प्रतिचक्रवात) गतिविधि के कारण गर्म हवाएं रेगिस्तानी इलाकों से होकर उत्तर भारत की ओर बह रही हैं, जिससे इस पूरे क्षेत्र में गर्मी बढ़ रही है।
प्रतिचक्रवात उच्च-दाब केंद्र होते हैं जहां से हवाएं हर दिशा में बहती हैं। भारत के ऊपर प्रतिचक्रवात के फलस्वरूप उत्तर-पश्चिम से मध्य और पश्चिमी भारत की ओर गर्म हवाएं चलती हैं, जिससे हीटवेव पैदा होती है।
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