मौसम विभाग ने ऐलान किया है कि वह चरम मौसमी घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी के लिये अगले 3 साल में देश के भीतर 25 अतिरिक्त डॉप्लर वेदर रडार लगायेगा। इसके अलावा किसानों को बेहतर कृषि संबंधी सलाह देने के लिये 720 ज़िला एग्रो मौसमी यूनिट (डीएएमयू) भी लगायी जायेंगी। मौसम विभाग ने यह भी तय किया है कि कृषि-मौसम संबंधी सेवायें वर्तमान में 2,300 निकायों से बढ़ाकर 2025 तक 7,000 निकायों तक कर दी जायेगी। दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी को आने वाले दिनों में शहरी बाढ़ नियंत्रण सिस्टम के भीतर लाया जायेगा।
दिल्ली में अंधाधुंध शहरीकरण से घटे जलस्रोत
वर्ल्ड रिसोर्सेज़ इंस्टिट्यूट (इंडिया) यानी डब्लू आर आई की ताज़ा रिसर्च में कहा गया है कि शहरीकरण और निर्माण क्षेत्र के फैलाव के कारण राजधानी के कई जलस्रोत खत्म हो गये हैं। डब्लू आर आई ने प्राकृतिक बुनियादी ढांचे पर शहरीकरण के प्रभावों का अध्ययन करने के लिये 10 शहरों को चुना। शोध में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर निर्माण के कारण राजधानी दिल्ली के जलस्रोत तेजी से सिकुड़ गये हैं। उपग्रह से ली गई तस्वीरों के अध्ययन से पता चला है कि साल 2000 से 2015 के बीच राजधानी के केंद्र से 20 किलोमीटर के दायरे में जलस्रोतों में 14 प्रतिशत की कमी आई है जबकि 20 से 50 किलोमीटर के दायरे में यह 23 प्रतिशत कम हुये हैं।
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि निर्माण में इस वृद्धि के कारण भूजल के रीचार्ज की क्षमता भी घटी है और प्रतिदिन करीब 16.9 करोड़ लीटर वॉटर रीचार्ज का नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर इस बीच जनसंख्या में 88 लाख की वृद्धि हुई जिससे पानी की मांग में बढ़ोतरी हुई।
दुनिया के सबसे लम्बे नदी क्रूज़ से गंगा की डॉल्फिन को ख़तरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के बनारस से लेकर असम के डिब्रूगढ़ तक करीब 3200 किलोमीटर लम्बे रिवर क्रूज़ को लॉन्च किया। लेकिन जानकारों को शंका है कि दुनिया का यह सबसे लम्बा रिवर क्रूज़ गंगा की डाल्फिन के लिये घातक साबित होगा। एम वी गंगा नाम के तिमंज़िला क्रूज़ से वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की दूरी 51 दिन में तय की जानी है जिसके दौरान क्रूज़ 27 अलग-अलग रिवर सिस्टम से गुजरेगा।
वाराणसी से करीब 30 किलोमीटर दूर कैथी गांव के पास गंगा और गोमती का संगम डॉल्फिन का बसेरा है और जहां पर विलुप्त हो रही इस मछली को एक सुरक्षित पनाहगार मिलती है। वन्यजीव विशेषज्ञ मानते हैं कि यहां पर करीब तीन दर्जन डॉल्फिन है लेकिन यह क्रूज़ उनके अस्तित्व के लिये ख़तरा हो सकती है।
अनुमान है कि गंगा में 3000 से अधिक डॉल्फिन हैं और ब्रह्मपुत्र में इनकी संख्या करीब 500 है। जीव विज्ञानी आर के सिन्हा ने अंग्रेज़ी अख़बार द गार्डियन से कहा कि डाल्फिन के सामने खड़े अन्य संकटों के अलावा यह क्रूज़ उनके वजूद के लिये एक और बड़ा ख़तरा खड़ा करेगा।
बदलती जलवायु का पंजाब के फसल उत्पादन पर होगा गंभीर असर, बारिश ने तमिलनाडु में प्याज़ की फसल को किया तबाह
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्रियों और वैज्ञानिकों का शोध बताता है कि जलवायु में हो रहे बदलाव राज्य में रबी और खरीफ की फसल उत्पादकता पर बुरा असर डालेगी। शोध में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण अगले 27 सालों में मक्के की फसल 13.1 प्रतिशत घट सकती है। जलवायु में बदलाव जारी रहे तो 2080 तक उत्पादकता को नुकसान 24 प्रतिशत से अधिक हो सकता है। कपास के उत्पादन में साल 2050 तक 11.4 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है जो 2080 में बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो जायेगी।
उधर तमिलनाडु के कई ज़िलों में बारिश ने छोटे प्याज़ की फसल को चौपट कर दिया है। महत्वपूर्ण है कि राज्य के किसानों ने प्याज़ की फसल का रकबा इस साल बढ़ा दिया था क्योंकि सरकार ने घोषणा की थी कि छोटा प्याज़ उगाने वाले किसानों को बीस हज़ार प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जायेगी। लेकिन पिछले तीन महीनों से लगातार बारिश के कारण प्याज़ की फसल खेतों में सड़ने लगी और जो प्याज़ ठीक थी उसमें नमी के कारण क्वॉलिटी ख़राब होने का ख़तरा बहुत बढ़ गया है।
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