‘भारत को (अंतर्राष्ट्रीय मंच पर) जस्ट-ट्रांजिशन के मुद्दे से भागने की ज़रूरत नहीं है’
आज भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से जुड़ी है बिजली की मांग। भारत को
आज भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से जुड़ी है बिजली की मांग। भारत को
भले ही सम्मेलन में लॉस एंड डैमेज को फाइनेंस एजेंडा में शामिल कर लिया गया
हर साल के अंत में होने वाला जलवायु परिवर्तन महासम्मेलन (कॉप-27) – जिसमें दुनिया भर
यूएनएफसीसीसी की एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट कहती है कि उत्सर्जन में ज्यादातर कमी 2030-2050 के बीच
धरती को ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों से बचाने के लिये कार्बन उत्सर्जन में भारी कटौती