चीन की प्रस्तावित कोयला परियोजनाओं में लगभग 50% की वृद्धि हुई है। Photo: Wikimedia Commons

चीन में कोल बूम वैश्विक ताप वृद्धि को सीमित करने के लक्ष्य पर खतरा

थिंक-टैंक इ3जी की रिपोर्ट के अनुसार 2022 के आखिरी छह महीनों में चीन की प्रस्तावित कोयला परियोजनाओं में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इन प्रस्तावित परियोजनाओं की कुल क्षमता 250 गीगावाट हो गई है। 

रिपोर्ट का कहना है कि इसी दौरान अन्य देशों की कोयले से बिजली उत्पादन की योजनाओं में संयुक्त रूप से 97 गीगावाट की कमी देखी गई। यह आधुनिक इतिहास में कोयले से बिजली उत्पादन का सबसे निचला स्तर है।  

ऐसे में चीन में हो रहे बदलाव दुनिया के बाकी हिस्सों के विपरीत जा रहे हैं। 

हालांकि अक्षय ऊर्जा उत्पादन के मामले में चीन अभी भी विश्व में अग्रणी है। चीन में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का विकास लगभग उतनी ही तेजी से हो रहा है जितना बाकी दुनिया में संयुक्त रूप से हो रहा है।

लेकिन शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि चीन का कोयला विस्तार पेरिस समझौते के तहत तय किए गए लक्ष्य के लिए “सीधे तौर पर हानिकारक” है।

कॉप28 से पहले यूरोपीय संघ दे रहा है जीवाश्म ईंधन फेजआउट को बढ़ावा 

कॉप28 जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले, यूरोपीय संघ (ईयू) जीवाश्म ईंधन के वैश्विक फेजआउट को बढ़ावा देने का निर्णय किया है। 

कॉप27 में नाकामयाबी के बाद फिर से इस वैश्विक समझौते को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के मंत्रियों द्वारा यह तय किया गया है कि रूसी जीवाश्म ईंधन के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग या ऊर्जा की बचत करने पर जोर दिया जा सके।

सदस्य देशों ने 2050 के पहले ही गैर-जीवाश्म ऊर्जा प्रणालियों की ओर बढ़ने के वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई। लेकिन इस ट्रांज़िशन के दौरान प्राकृतिक गैस की भूमिका को भी पहचाना गया।

सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए 29 कोयला ब्लॉकों की नीलामी की 

जिन 29 कोयला ब्लॉकों को सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए नीलम किया है, उनसे अगले दो वर्षों में औसत ड्राई फ्यूल उत्पादन में अतिरिक्त 7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि इन भंडारों की संयुक्त पीक रेटेड कैपेसिटी (पीआरसी) लगभग 91 मिलियन टन है।

कोयला मंत्रालय ने पिछले महीने वाणिज्यिक खनन के लिए 29 भंडारों की नीलामी की थी, जिनमें से सभी के लिए बोली लगा दी गई है। वाणिज्यिक खनन करने वाली निजी कंपनियां बिना किसी एंड-यूज़ प्रतिबंध के, व्यावसायिक रूप से कोयले का खनन कर सकती हैं। एंड-यूज़ प्रतिबंध से तात्पर्य है कि खनन किया हुआ कोयला केवल विशेष प्रयोजनों के लिए ही प्रयोग किया जा सकता है, बाजार में बेचा नहीं जा सकता।

वाणिज्यिक खनन करने वाली निजी कंपनियों के पास कोयले के गैसीकरण या निर्यात का विकल्प होगा। वह इसे अपने संयंत्रों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं या बाजार में बेच सकते हैं।

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