मॉरीशस की मदद के लिये भारत ने तकनीकी उपकरणों के साथ विशेषज्ञों की टीम भेजी है। मॉरीशस में स्थानीय प्रशासन एक जापानी जहाज, एम वी वाकाशियो, से तेल के रिसाव के बाद पैदा हुये हालात से निपटने में जुटा है। यहां पिछली 25 जुलाई को यह जापानी जहाज हिन्द महासागर में एक कोरल रीफ (मूंगे की दीवार) से टकरा गया जिससे 1000 टन तेल समंदर में बिखर गया और पर्यावरणीय संकट की स्थिति पैदा हो गई है। इससे दुर्लभ कोरल और मछलियों के साथ समुद्री जीवों के लिये खतरा पैदा हो गया है और इसे मॉरीशस की सबसे विनाशकारी आपदा कहा जा रहा है।
हालांकि क्षतिग्रस्त हिस्से को बाकी जहाज से अलग कर दिया गया है लेकिन मॉरीशस की नेशनल क्राइसिस कमेटी ने कहा है कि खराब मौसम के कारण जहाज से बाकी तेल हटाने का काम जोखिम भरा हो गया है। उधर एम वी वाकाशियों की मालिक कंपनी नागाशिकी शिपिंग ने कहा है कि उसे अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास है और वह मुआवज़े की प्रक्रिया में साथ देगी।
ब्रिटिश पेट्रोलियम: तेल और गैस 40% काम बन्द होगा 2030 तक
जानी मानी मल्टीनेशनल कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (BP) 2030 तक तेल और गैस के 40% बिजनेस को बन्द कर देगी। कंपनी इन 10 सालों में अपने रिफाइनिंग के कारोबार को भी 30% कम करेगी। इससे पहले कंपनी ने 2050 तक कार्बन न्यूट्रल होने की बात कही थी। कंपनी साफ ऊर्जा में 500 करोड़ डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करेगी और उसका इरादा रिन्यूएबल पावर की वर्तमान क्षमता 2.5 गीगावॉट से बढ़ाकर 50 गीगावॉट करने का इरादा है। BP यूनाइटेड किंगडम में बैटरी वाहन चार्जिंग स्टेशनों पर भी बड़ा निवेश कर रही है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
कोयले का प्रयोग बंद करने के लिए भारत को चाहिए 1 ट्रिलियन डॉलर
-
भारत ने 10 लाख वर्ग किलोमीटर के ‘नो-गो’ क्षेत्र में तेल की खोज के हरी झंडी दी
-
ओडिशा अपना अतिरिक्त कोयला छूट पर बेचना चाहता है
-
विरोध के बाद यूएन सम्मेलन के मसौदे में किया गया जीवाश्म ईंधन ट्रांज़िशन का ज़िक्र
-
रूस से तेल आयात के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा