एक नई रिपोर्ट बताती है कि ग्रीन इकॉनॉमी की मदद से इस दशक के अंत तक पूरे अफ्रीका महाद्वीप में 33 लाख नई नौकरियां उपलब्ध हो सकती हैं। इनमें 60% नौकरियां कुशल कामगारों को मिलने की संभावना है जिससे मध्य वर्ग में ग्रोथ का ग्राफ ऊपर जा सकता है क्योंकि नवीनीकरणीय ऊर्जा और ई मोबिलिटी के साथ निर्माण क्षेत्र में तेज़ी आयेगी। यह रिपोर्ट महाद्वीप के पांच देशों – इथियोपिया, कांगो, कीनिया, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका से मिले रुझानों पर निर्भर है।
फोरकास्टिंग ग्रीन जॉब्स इन अफ्रीका नाम से प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़्यादातर नौकरियां सौर ऊर्जा क्षेत्र में होंगी। डेवलपमेंट एजेंसी एफएसडी अफ्रीका के द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में महाद्वीप की सरकारों और निवेशकों से अपील की गई कि वो ग्रीन एनर्जी में निवेश करें। महत्वपूर्ण है कि अफ्रीका महाद्वीप में दुनिया की कुल आबादी का 20% है लेकिन ग्लोबल एनर्जी निवेश का केवल 3% ही यहां लगता है।
कर्नाटक में मिला 1,600 टन लिथियम का भंडार
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) को कर्नाटक में 1,600 टन लिथियम का भंडार मिला है।
मांड्या जिले के मार्लागल्ला क्षेत्र में मिला यह भंडार भारत के नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है। सिंह ने बताया कि लिथियम भंडार का मूल्यांकन करने के लिए कर्नाटक के यादगिरी जिले में बुनियादी सर्वेक्षण और सीमित सबसर्फेस ड्रिलिंग भी की गई थी।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कुछ हिस्सों में भी एएमडी की खोज जारी है। एएमडी को ओडिशा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में पेगमाटाइट बेल्ट के अलावा राजस्थान, बिहार और आंध्र प्रदेश में महत्वपूर्ण अभ्रक बेल्ट मिली हैं।
सोलर सेल, मॉड्यूल बनाने में प्रयोग किए जाने वाले सोलर ग्लास पर लगेगा 10% सीमा शुल्क
वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट के अनुसार, सोलर सेल या मॉड्यूल के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले सोलर ग्लास पर इस साल 1 अक्टूबर से 10% सीमा शुल्क लगेगा। पीवी मैगज़ीन और अन्य मीडिया संस्थानों बताते हैं कि सोलर सेल या मॉड्यूल के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले टिन्ड कॉपर इंटरकनेक्ट पर भी 1 अक्टूबर से 5% सीमा शुल्क लगेगा।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि “देश में सोलर ग्लास और टिन्ड कॉपर इंटरकनेक्ट की पर्याप्त मैनुफैक्चरिंग क्षमता को देखते हुए, मैं उन्हें दी जाने वाली सीमा शुल्क में छूट नहीं बढ़ाने करने का प्रस्ताव करती हूं”।
नवीकरणीय ऊर्जा सिस्टम इनवर्टर के निर्माण में उपयोग के लिए सक्रिय ऊर्जा नियंत्रक (एईसी) पर सीमा शुल्क में मिलनेवाली छूट भी 30 सितंबर से समाप्त हो जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में सरकारी भवनों पर लगाए जाएंगे रूफटॉप सोलर
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 400 करोड़ रुपए की एक परियोजना को मंजूरी दे दी है जिसके तहत सभी सरकारी भवनों पर ग्रिड-स्तरीय रूफटॉप सोलर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जाएगी।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में संपन्न प्रशासनिक परिषद की बैठक में सभी सरकारी भवनों पर ग्रिड-टाइड रूफटॉप सौzर ऊर्जा प्रणालियों की स्थापना करने की मंजूरी दे दी गई। इस परियोजना के तहत केपैक्स (पूंजीगत व्यय) मोड में 400 करोड़ रुपए की लागत से 70 मेगावाट की कुल क्षमता वाले रूफटॉप सोलर स्थापित किए जाएंगे, 200 मेगावाट क्षमता रेस्को मोड में लगाई जाएगी।
यह परियोजना जम्मू और कश्मीर ऊर्जा विकास एजेंसी (जेकेईडीए) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।
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