क्षणिक राहत: मॉनसून से पहले तेज़ हवा के कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा कुछ साफ हुई है। फोटो – Yogendra Singh on Pexels

तेज़ हवाओं से दिल्ली की हवा हुई कुछ साफ

मॉनसून के दिल्ली पहुंचने से पहले तेज़ हवाओं के कारण यहां की हवा कुछ साफ हो गई है। ये राहत दिल्ली और आसपास के इलाकों में अगले कुछ दिन दिख सकती है। मौसम विभाग ने 16 से 18 जून के बीच हवा की गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक स्तर पर रहने का बात कही। अगले कुछ दिन बयार का सकारात्मक असर दिखेगा लेकिन पीएम 10 के रूप में धूल के अपेक्षाकृत बड़े कण प्रमुख प्रदूषक के रूप में मौजूद रहेंगे। डाउन टु अर्थ मैग्ज़ीन में छपी ख़बर के मुताबिक राजधानी में तेज सतही हवाओं की दिशा बदलती रहेगी तथा इसकी गति 10 से 16 किमी प्रति घंटे होगी। इस हफ्ते हल्की बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। 

कोरोना लॉकडाउन-1 के बाद हानिकारक NO2 का स्तर बढ़ा 

कोरोना महामारी को रोकने के लिये लगाये गये पहले लॉकडाउन के एक साल बाद दुनिया भर में हानिकारक NO2 का स्तर फिर बढ़ गया है। उपग्रह से मिली तस्वीरों के आधार पर किया गया ग्रीनपीस का अध्ययन बताता है कि साल 2020 की पहली छमाही में हवा कुछ साफ हुई थी लेकिन अब स्पष्ट है कि इसके लिये लम्बी रणनीति की ज़रूरत है। जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करके उसकी जगह सौर और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल इसके लिये बेहतर विकल्प है। 

रिसर्च के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में वायु प्रदूष्ण के स्तर, कोरोना से पहले की तुलना में सबसे नाटकीय रूप से बढ़े। जहां अप्रैल 2020 में NO2 के स्तर यहां 30% गिरे थे वहीं 2021 में इसी समय महामारी से पहले की तुलना में ये 47% बढ़े हैं। इसी तरह बैंकॉक और जकार्ता में यह महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच चुके हैं। NO2 ईंधन के जलने से निकलती है वातावरण में मौजूद बेहद हानिकारक गैसों में से एक है। 

कोयला बिजलीघरों के खिलाफ दिल्ली सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली सरकार ने अपने पड़ोसी राज्यों में स्थित कुछ कोयला बिजलीघरों को बन्द कराने के लिये सुप्रीम कोर्ट  का दरवाज़ा खटखटाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हरियाणा, उत्तरप्रदेश और पंजाब के ये बिजलीघर  दिल्ली -एनसीआर को प्रदूषित कर रहे हैं। उनका कहना था कि इस मामले  को सुलझाने के लिये केंद्र के इनकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई है। इन 10 बिजलीघरों में दादरी, हरदुआगंज, नाभा, तलवंडी साबो, पानीपत और यमुनानगर में स्थित बिजलीघर शामिल हैं। 

साल 2018 में द एनर्ज़ी एंड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट (टेरी) के एक अध्ययन में कहा गया था कि राजधानी में वायु प्रदूषण का 60% हिस्सा दिल्ली के बाहर से आता है। केंद्र सरकार ने नियमों को बदलते हुये दिल्ली के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में 10 लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों  में स्थित बिजलीघरों के लिये नये उत्सर्जन नियमों का पालन ज़रूर कर दिया है। 

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