मंदी से जूझती घरेलू अर्थव्यवस्था का असर ईंधन की मांग पर दिखा है। सितंबर 2018 के मुकाबले इस साल सितंबर में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में 50 हज़ार टन की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल सितंबर में कुल खपत 160.6 लाख टन थी जो इस साल 160.1 लाख टन हो गई। ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाले डीज़ल के अलावा सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कोलतार वह उत्पाद हैं जिनकी मांग में गिरावट हुई। डीज़ल की मांग 3.2% और कोलतार की 7.29% गिरी। भारत की अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही में केवल 5% की रफ्तार से बढ़ी है और आईएमएफ ने इस वित्तीय वर्ष के लिये भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार का अनुमान अब 7% घटाकर 6.1% कर दिया है।
भारत के CO2 उत्सर्जन की रफ्तार गिरी
इस साल (2019) के पहले 8 महीनों में भारत के कार्बन-डाइ-ऑक्साइड उत्सर्जन की रफ्तार के ग्राफ में एक तीव्र ढलान दिख रहा है। पिछले 20 साल के ट्रेंड का अध्ययन करने के बाद वायु प्रदूषण के दो जानकार-विश्लेषकों ने लॉरी माइलीविर्ता और सुनील दहिया इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इस विश्लेषण के लिये लॉरी और दहिया ने भारत सरकार के अलग अलग मंत्रालयों (बिजली, कोयला, पेट्रोलियम और विदेश व्यापार) के डाटा का इस्तेमाल किया।
भारत के CO2 इमीशन पिछले कुछ सालों में तेज़ी से बढ़े हैं। साल 2005 के मुकाबले अब यह दुगने हो गये हैं। पिछले 5 साल में दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन वृद्धि में 50% से अधिक भारत का योगदान है। अपने विश्लेषण में इन जानकारों ने कहा है कि कोयला पावर प्लांट्स पर घटनी निर्भरता भारत की एयर क्वॉलिटी के लिये अच्छी है कोयला बिजलीघर प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन नहीं कर रहे।
साफ ऊर्जा की चैंपियन कंपनी गैस के पक्ष में
क्लीन एनर्जी डेवलपर ReNew Power ने प्राकृतिक गैस का समर्थन किया है। कंपनी के सीईओ सुमंत सिन्हा ने इसे दुनिया के पावर सेक्टर में बदलाव का ऐसा ईंधन (transition fuel) बताया है जिसके इस्तेमाल से ग्रिड सुगमता के साथ साफ ऊर्जा के नये प्लांट लगाना आसान रहेगा। हालांकि गैस को क्लीन एनर्ज़ी नहीं कहा जा सकता लेकिन दुनिया भर में इसे लो-कार्बन इकोनॉमी के नाम पर प्रोत्साहन मिल रहा है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
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