ग्लोबल वॉर्मिंग के संकट को देखते हुये भारत के पास जीवाश्म ईंधन उत्पादन के लिये कोई नीति नहीं है| Photo– Unsplash

पेरिस समझौते के बाद दुनिया में अधिकांश कोयला बिजलीघर प्लान रद्द हुये, चीन अब भी सबसे बड़ी समस्या

जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहे समूहों की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में हुए इस समझौते के बाद से दुनिया में जितने भी कोयला बिजलीघरों की योजनायें बनाई गई थीं उनमें से तीन-चौथाई से अधिक रद्द कर दी गयी हैं। कोयला बिजलीघरों की ग्लोबल पाइप लाइन ठंडे बस्ते में है। यूके से निकलने वाले अंग्रेज़ी अख़बार द गार्डियन के मुताबिक इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले  क्लाइमेट ग्रुप – ई3जी, ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर और एम्बर – कहते हैं कि 44 देशों में अब कोई नये कोयला पावर प्लांट की योजना नहीं है। इन देशों के पास “नो न्यू कोल” (नया कोयला नहीं) नारे वाले 40 देशों के साथ मिलकर नई शुरुआत करने का सुनहरा मौका है।  

दुनिया में अभी जितने कोल प्लांट्स बनाये जाने की योजना है उनमें से आधे से अधिक चीन में हैं। अगर चीन के साथ भारत, इंडोनेशिया, विएतनाम,  बांग्लादेश और टर्की जैसे देश अपने कोयला बिजलीघर रद्द कर दें तो प्रस्तावित कोयला बिजलीघरों की संख्या 90% तक घट जायेगी। दक्षिण एशिया में करीब 37.4 गीगावॉट के नये कोयला प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं और इनमें से 21 गीगावॉट के बिजलीघर भारत में लगने हैं।  रिपोर्ट कहती है कि भारत में अब कोयला बिजलीघर लगाना मुनाफे का सौदा नहीं है क्योंकि साफ ऊर्जा के किफायती विकल्प बिना सामाजिक प्रभाव डाले बिजली की मांग पूरी कर सकते हैं।  

पांच तेल-गैस कंपनियों ने यूरोपीय देशों पर किया 1300 करोड़ पाउण्ड का मुकदमा 

तेल और गैस के कारोबार से जुड़ी पांच कंपनियां यूरोपियन सरकारों पर 1300 करोड़ पाउण्ड का मुकदमा कर रही हैं। यह केस इन सरकारों द्वारा समुद्र में तेल और गैस ड्रिलिंग पर पाबन्दी और नये प्रोजेक्ट से पहले पर्यावरण प्रभाव आकलन की शर्त लगाने की वजह से किया जा रहा है। यह केस कॉर्पोरेट अदालतों में किये जा रहे हैं जहां निवेशक और सरकारों के बीच विवाद सुलझाये जाते हैं और अगर सरकार की किसी नीति के कारण कंपनी को बहुत बड़ा घाटा होता है तो वह इन अदालतों में जा सकता है। हालांकि ये कार्पोरेट अदालतें देशों के नियमित न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं हैं और अगर सरकार क्लाइमेट एक्शन के तहत कोई कदम लोकतांत्रिक और क़ानूनी तरीके से भी उठाती है तो कई बार यह उसे अनदेखा कर देती हैं। 

इंडियन ऑइल की रिफायनरी में धमाका, कई घायल 

बिहार के बरौनी में इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की रिफायनरी में धमाका होने से कम से कम 19 लोग घायल हो गये। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि घायलों को रिफायनरी के अस्पताल और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया  और वह ख़तरे बाहर हैं। कंपनी का यह प्लांट पिछले एक महीने से बंद था और दो दिनों से इसे शुरू करने की कोशिश  रही थी। तभी इसकी एक यूनिट में धमाका हो गया। 

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