जर्मनी के उड्डयन उद्योग और रेलवे ने सहमति बनाई है कि रेल नेटवर्क देश की घरेलू उड़ानों के 20% यात्रियों को ले जायेगा ताकि “सक्रिय जलवायु संरक्षण” हो सके। साल 2019 में जर्मनी की 1.5 करोड़ फ्लाइट पूरी तरह से घरेलू थी और इस कदम से देश की घरेलू उड़ानों का कार्बन इमीशन करीब 17% कम हो सकेगा। हालांकि देश की सबसे बड़ी लुफ्तांसा घरेलू उड़ान भरते रहेगी जबकि पर्यावरणविद् सारी घरेलू उड़ानों को रद्द कर देश के भीतर ट्रेन यात्रा की ही मांग कर रहे हैं। इससे पहले फ्रांस ने उन घरेलू उड़ानों पर रोक लगाई थी जहां दूरी 2.5 घंटे या उससे कम समय में पूरी की जा सकती है।
पोलैंड ने 2049 तक कोयला प्रयोग बन्द करने का करार किया
पोलैंड में 70% बिजली अभी भी कोयले से ही बनती है लेकिन अब उसने कोयला उद्योग के साथ करार किया है कि साल 2049 तक वह अपने सभी कोयला बिजलीघरों को बन्द कर देगा। इस प्रक्रिया के दौरान प्रभावित होने वाले सभी मज़दूरों को मुआवज़ा दिया जायेगा और उनके लिये वैकल्पिक रोज़गार पैदा किये जायेंगे। माना जा रहा है कि योजना के तहत 2040 तक पोलैंड में पावर जेनरेशन में कोयले का रोल 11% तक रह जायेगा। इसे एक बहुत एतिहासिक करार माना जा रहा है क्योंकि पोलैंड में कोयला लॉबी बहुत मज़बूत और प्रभावशाली है और उसने अब तक देश के एनर्ज़ी मैप में किसी तरह के बदलाव का मुखर विरोध किया है। पोलैंड पूरे यूरोपियन यूनियन में सबसे बड़ा कोयला प्रयोग करने वाला देश है।
जिन्दल स्टील कोल पावर से खींचेगा हाथ
भारत की सबसे बड़ी निजी स्टील कंपनियों में से एक जिन्दल स्टील ने ऐलान किया है कि वह अपनी सहयोगी कंपनी जिन्दल पावर से 96.42% शेयर निकाल लेगा। यह कदम कंपनी ने अपना कार्बन फुट प्रिंट और कर्ज़ घटाने के लिये किया है। कंपनी अब दुनिया की उन 10 टॉप स्टील कंपनियों में आने की कोशिश करेगी जो उत्पादन के लिये साफ ऊर्जा का इस्तेमाल करते हैं। भारत के इस्पात उद्योग के लिये यह बड़ा बदलाव होगा जिसका कार्बन उत्सर्जन 2050 तक वर्तमान स्तर का 3 गुना यानी करीब 837 मिलियन टन हो जायेगा।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
कोयले का प्रयोग बंद करने के लिए भारत को चाहिए 1 ट्रिलियन डॉलर
-
भारत ने 10 लाख वर्ग किलोमीटर के ‘नो-गो’ क्षेत्र में तेल की खोज के हरी झंडी दी
-
ओडिशा अपना अतिरिक्त कोयला छूट पर बेचना चाहता है
-
विरोध के बाद यूएन सम्मेलन के मसौदे में किया गया जीवाश्म ईंधन ट्रांज़िशन का ज़िक्र
-
रूस से तेल आयात के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा