फ्रेकिंग को मनाही

फ्रेकिंग को मनाही: वैज्ञानिक शोध और चेतावनियों के बाद ज़मीन से शेल गैस निकालने वाली कंपनियों पर फ्रेकिंग करने पर रोक लगा दी गई है।Photo: offshore-technology.com

कावेरी डेल्टा पर तेल योजना के लिये पेट्रोलियम मंत्रालय को मद्रास हाइकोर्ट का नोटिस

मद्रास हाइकोर्ट ने केंद्रीय तेल और गैस मंत्रालय को नोटिस देकर कावेरी डेल्टा पर प्रस्तावित हाइड्रोकार्बन और मीथेन गैस निकालने की प्रस्तावित योजना पर जानकारी मांगी है। यह नोटिस एक जनहित याचिका के दायर होने के बाद मंत्रालय को भेजा गया है। इस याचिका में कहा गया था कि तमिलनाडु में कावेरी डेल्ट पर इस योजना से कृषि भूमि काफी घट जायेगी जिससे किसानों की जीविका पर संकट छा जायेगा। धान उत्पादन के कारण इस क्षेत्र को “चावल का कटोरा” कहा जाता है। मंत्रालय को 7 जनवरी 2020 तक जवाब देना है। 

UK में फ्रेकिंग पर लगी पाबंदी

यूनाइटेड किंगडम में फ्रेकिंग पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी गई है। कई वैज्ञानिक शोध चेतावनी दे चुके हैं कि ज़मीन से शेल गैस निकालने का यह तरीका आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिये बहुत खतरनाक है। फ्रेकिंग के तहत ज़मीन के भीतर पानी, रेत और रसायनों को ऊंचे दबाव में डालकर विस्फोट किये जाते हैं। शेल गैस हासिल करने का यह तरीका शुरू से विवादों में रहा है और सरकार का कहना है कि इस बारे में कोई जानकारी नहीं कि ऐसे विस्फोट किस स्तर के भूकंप ला सकते हैं. पर्यावरण प्रेमियों के लिये यह एक बड़ी जीत है लेकिन UK में फ्रेकिंग तकनीक अपनाने वाले सबसे बड़ी कंपनी क्युआड्रिला को उम्मीद है कि यह पाबंदी जल्दी ही हटा ली जायेगी।

ऑस्ट्रेलिया: बड़ी कोयला खनन कंपनियों के उत्सर्जन हैं एविएशन के तीन-चौथाई  

ऑस्ट्रेलिया की 10 बड़ी खनन कंपनियां सालाना 67 करोड़ CO2  उत्सर्जन कर रही हैं जो दुनिया भर के एविएशन सेक्टर के कार्बन इमीशन का 75% है। इससे भी बड़ी बात यह है कि इनमें से 10 कंपनियां ही करीब 55 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन कर रही हैं जो ऑस्ट्रेलिया के कुल इमीशन से अधिक है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में अधिक कोयला निकाल कर उसे एशिया में बेचना चाहती है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया अपने पहले ऑफ शोर विंड फार्म (समुद्र में स्थित पवन चक्कियां) की तैयारी भी कर रहा है।  दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया समुद्र तट पर 2 GW का यह विंड फार्म 2017 तक तैयार हो जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.