सरहद पर बिजलीघर

सरहद पर बिजलीघर: केंद्र ने गुजरात सरकार से कच्छ ज़िले में प्रस्तावित सौर और पवन ऊर्जा बिजलीघरों के लिये जल्दी ज़मीन देने को कहा है। Photo: Maui News

केंद्र ने गुजरात से पाकिस्तान सीमा पर प्रोजेक्ट के लिये जल्द ज़मीन देने को कहा

केंद्र ने गुजरात सरकार को निर्देश दिया है कि कच्छ ज़िले में भारत-पाक सीमा पर प्रस्तावित सौर-पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिये 60,000 हेक्टेयर ज़मीन आबंटन करने की प्रक्रिया को तेज़ किया जाये। सरकार का कहना है कि इस प्रोजक्ट के लिये ज़मीन मिलना कोई समस्या नहीं है। 30,000 MW का यह प्रोजेक्ट गुजरात में 30 GW क्षमता के उन संयंत्रों के अलावा है जो 2022 तक लगाये जाने हैं। आज गुजरात में करीब 10 GW साफ ऊर्जा के प्रोजेक्ट हैं जिसमें 7 GW पवन ऊर्जा है और बाकी सौर ऊर्जा है।

महाराष्ट्र: “एकतरफा” साफ ऊर्जा शुल्क नीति से लोग नाराज़

महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (MERC) ने सौर ऊर्जा के लिये जो नई ड्राफ्ट शुल्क नीति बनाई है उससे जनता नाराज है। लोगों का कहना है कि यह “एकतरफा” नीति है और रूफटॉप सोलर के ज़रिये घरों में बनने वाली अतिरिक्त बिजली का फायदा उन्हें नहीं मिलेगा। नई ड्राफ्ट पॉलिसी में सौर पैनल लगाने के लिये सारा खर्चा उपभोक्ता को ही करना होगा। इसके बाद भी उपभोक्ता को इलेक्ट्रिसिटी  बोर्ड से  उस कीमत के तीन गुना रेट पर बिजली खरीदनी होगी जितना उसे ग्रिड को भेजने पर मिल रहा है। माना जा रहा है कि इस नीति के लागू होने से लोग छतों पर सोलर पैनल लगाने में रुचि नहीं दिखायेंगे। महाराष्ट्र का रूफ टॉप सोलर लक्ष्य 4 GW (4000 MW) है जबकि अभी वह रूफ टॉप से 266 मेगावॉट बिजली ही बना रहा है।

सितंबर में साफ ऊर्जा का उत्पादन गिरा, ‘सालाना $3000 करोड़ का निवेश चाहिये’

भारत के क्लीन एनर्जी सेक्टर को हर साल $3000 करोड़ के निवेश की ज़रूरत है लेकिन मौजूदा सालाना निवेश $1,100 करोड़ का ही है। यह बाद दिल्ली स्थित काउंसिल ऑन एनर्जी, इन्वायरेंमेंट एंड वॉटर (CEEW) के CEO अरुनभ घोष ने कही है। घोष के मुताबिक बोली लगाने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने की ज़रूरत है ताकि जो अनुबंध किये जाते हैं उनकी विश्वसनीयता बनी रही। निवेशक उन्हीं प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाते हैं जिनकी रेटिंग ऊंची होती है।

सोलर पम्प लगाने पर केंद्र की 75% सब्सिडी की योजना

केंद्र सरकार की योजना है कि वह सिंचाई के लिये सोलर पम्प का इस्तेमाल करने वाले किसानों को 75% छूट देगी ताकि प्रदूषण फैलने वाले डीज़ल पम्पों का इस्तेमाल खत्म हो सके। सोलर पम्प के इस्तेमाल पर हर रोज़ का खर्च डीज़ल पम्प से कम है जिससे किसानों की खेती पर लागत कम होगी। नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय ने तय किया है कि वह 3 हॉर्स पावर से लेकर 10 हॉर्स पावर तक के पंप पर यह छूट देगी लेकिन इस सब्सिडी का फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके खेत में तालाब होगा और माइक्रो इरीगेशन तकनीक (कम पानी में सिंचाई के तरीके) का इस्तेमाल करते हों। 

जापान: फुकुशिमा बनेगा सौर और पवन ऊर्जा का केंद्र

पहले भूकंप और फिर परमाणु हादसे से तबाह हुये फुकुशिमा को अब जल्द ही सौर और पवन ऊर्जा के लिये जाना जायेगा। जापान के उत्तर-पूर्वी ज़िले में साफ ऊर्जा के 21 प्लांट लगाये जा रहे हैं जिनमें 11 सोलर एनर्जी और 10 विन्ड पावर के होंगे। करीब 275 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ये प्रोजेक्ट मार्च  2024  तक पूरा होगा। इन संयंत्रों से 600 मेगावॉट बिजली उत्पादन होगा।

भारत और चीन का होगा पवन ऊर्जा में दबदबा: IRENA 

दुनिया में पवन ऊर्जा के मामले में भारत और चीन का दबदबा बना रहेगा और 2050 तक दोनों देशों की सम्मिलित पवन ऊर्जा (विन्ड पावर) पूरी दुनिया की पवन ऊर्जा के आधे से अधिक (2656 GW) होगी। यह भविष्यवाणी इंटरनेशनल रिन्यूवेबल एनर्जी एजेंसी (IRENA) ने की है। चीन 2000 GW  बिजली उत्पादन तक पहुंच जायेगा और सदी के मध्य तक विन्ड पावन के मामले में भारत 300 GW को पार कर लेगा।

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