हर महीने हमारे पॉडकास्ट ‘ऊर्जा बदलाव’ में हम बात करेंगे जानकारों से कि कैसे होगा भारत जस्ट ट्रांजीशन की राह पर अग्रसर और क्या है रास्ते की चुनौतियां।
कार्बनकॉपी के पॉडकास्ट ‘ऊर्जा बदलाव’ के इस एपिसोड में हृदयेश जोशी दोनों जानकारों के साथ यह समझाने की कोशिश करेंगे कि आखिर जस्ट ट्रांजिशन की परिकल्पना क्या है और अगले कुछ दशकों में बढ़ते कोयला उत्पादन के साथ यह कैसे लागू की जा सकेगी। सरकार इसके लिये कितना गंभीर है और उसके पास इसे सुचारू ढंग से लागू करने के लिये पर्याप्त नीतियां हैं भी या नहीं? एक महत्वपूर्ण सवाल ये कि देसी और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों की इसमें क्या भूमिका रहेगी?
इस एपिसोड में हृदयेश जोशी बात कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ता संदीप पाइ से। संदीप पूरी दुनिया में और विशेषकर भारत में जस्ट ट्रांजिशन का अध्ययन कर रहे हैं। मयंक अग्रवाल पत्रकार हैं जिन्होंने पिछले कुछ सालों में भारत के जस्ट ट्रांजिशन ग्राफ को बहुत करीब से देखा है और उस पर लगातार लिख रहे हैं।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
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