अमेरिकी दबाव और दंडात्मक टैरिफ को नज़रअंदाज़ करते हुए भारत सितंबर में रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाने की तैयारी में है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिफाइनर अगस्त की तुलना में रूस से तेल खरीद 10–20% बढ़ा सकते हैं, यानी रोज़ाना 1.5 से 3 लाख बैरल तक अतिरिक्त आयात होगा।
यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बीच भारत रूस का सबसे बड़ा कच्चा तेल खरीदार बन चुका है।
प्रतिबंधों से जूझ रही नायरा एनर्जी ने मांगी मदद
रूस के सहयोग से चलने वाली इंडो-रशियन कंपनी नायरा एनर्जी, जिसका भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता के करीब 8% पर नियंत्रण है, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों के कारण मुश्किलों में है। कंपनी तेल आयात और परिवहन के लिए तथाकथित ‘डार्क फ्लीट’ पर निर्भर है।
जुलाई में यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंध लागू होने के बाद कई शिपिंग कंपनियों ने हाथ खींच लिया, जिससे नायरा को तेल शिपमेंट कम करने पड़े। अब कंपनी जहाजों की सुरक्षा और निरंतर सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए सरकारी मदद चाहती है।
चीन की साइनोपेक का मुनाफा घटा
चीन की सबसे बड़ी तेल रिफाइनिंग कंपनी साइनोपेक को इस साल की पहली छमाही में मुनाफे में गिरावट का सामना करना पड़ा है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, इसकी वजह कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, कुछ उत्पादों का सीमित उत्पादन और कमजोर मुनाफ़े का मार्जिन है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग ने पेट्रोल-डीज़ल की खपत पर असर डाला है। इसी कारण कंपनी ने अपने सालाना पूंजीगत खर्च को 5% तक घटाने का निर्णय लिया है।
भारत में प्रवेश की तैयारी कर रही अमेरिकी परमाणु ईंधन कंपनी
अमेरिकी कंपनी क्लीन कोर थोरियम एनर्जी (सीसीटीई) भारत में अपने थोरियम आधारित ईंधन तकनीक के लिए मंज़ूरी और साझेदारी की संभावनाएं तलाश रही है। अमेरिकी सरकार से लाइसेंस मिलने के बाद अब कंपनी विदेशी बाज़ारों में परमाणु ईंधन निर्यात कर सकती है।
सीसीटीई का कहना है कि भारत में निजी क्षेत्र को परमाणु ऊर्जा में प्रवेश की अनुमति मिलने पर वह निजी कंपनियों के साथ साझेदारी पर भी विचार करेगी।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
इथेनॉल अभियान से भारत की खाद्य तेल आत्मनिर्भरता पर हो सकता है संकट
-
भारतीय रिफाइनरों ने रूसी तेल का आयात घटाया
-
जून में रूस से भारत का कच्चा तेल आयात 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा
-
ईरान के हमलों के बाद ट्रम्प ने अपनी सरकार से की तेल और गैस उत्खनन के लिए अपील
-
होर्मुज़ जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है ईरान, भारत समेत वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा पर मंडराया संकट