कूनो के बाद अब गांधी सागर में बसाए जाएंगे अफ़्रीकी चीते

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के बाद अब राज्य के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य भी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले चीतों का इंतज़ार कर रहा है

गांधी सागर कूनो पार्क से लगभग 270 किमी दूर है और इसे चीतों के ‘दूसरे घर’ के रूप में तैयार किया गया है। मंदसौर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) संजय रायखेड़ा ने कहा की चीतों को यहां लाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं लेकिन चीतों को बसाने के समय और अन्य औपचारिकताओं पर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) का होगा।

उन्होंने कहा कि इस अभयारण्य में दक्षिण अफ्रीका से चीतों का एक नया बैच आने की संभावना है।

गौरतलब है कि पिछले साल अफ़्रीकी देशों से 20 चीते लाए गए थे जिनमें से सात की मौत हो चुकी है। वहीं भारत में जन्मे 11 चीता शावकों में से तीन की मौत हो चुकी है। इन मौतों के बाद प्रोजेक्ट चीता पर सवाल उठने लगे थे। पिछले महीने पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में बताया कि सात में से चार चीतों की मौत सेप्टिसीमिया से हुई थी

लॉस एंड डैमेज फंड की समय सीमा से चूके अमीर देश

पिछले साल कॉप28 के दौरान बड़े जोर-शोर से लॉस एंड डैमेज फंड का क्रियान्वयन किया गया था। लेकिन विकसित देश तय समयसीमा के अंदर फंड के बोर्ड के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने में विफल रहे हैं। इस कारण से जलवायु परिवर्तन से पीड़ित देशों और समुदायों को इस फंड का लाभ मिलने में देरी हो सकती है।

कॉप28 में विभिन्न देशों की सरकारों ने यूएनएफसीसीसी से फंड के नए बोर्ड की बैठक आयोजित करने के लिए कहा था, जब सभी वोटिंग मेंबरों के नामांकन दाखिल हो जाएं। इसके लिए आखिरी दिन 31 जनवरी 2024 रखा गया था। लेकिन विकसित देशों ने तय समय के अंदर अपने सदस्यों का चयन नहीं किया। 

यूएनएफसीसीसी के प्रवक्ता का कहना है कि जबतक सारे नामांकन नहीं आ जाते तबतक बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई जा सकती। सूत्रों की माने तो देरी इसलिए हो रही है  क्योंकि यह देश सीटों के बंटवारे को लेकर एकमत नहीं हो पा रहे हैं।  

जानकारों का कहना है कि यदि कॉप29 को क्लाइमेट फाइनेंस के लिहाज से महत्वपूर्ण बनाना है तो ऐसे प्रमुख निर्णयों की समयसीमा का पालन होना चाहिए। 

लॉस एंड डैमेज फंड की स्थापना के अलावा, कॉप28 में फाइनेंस के अन्य पहलुओं पर बहुत कम प्रगति हुई। जलवायु वार्ता में कई ऐसे मुद्दों पर बातचीत की गई जिनको पूरा करने में फाइनेंस की भूमिका अहम है, इसके बावजूद फाइनेंस से जुड़े किसी भी एजेंडे की समयसीमा मौजूदा वर्ष के लिए नहीं रखी गई है।

यूएन जलवायु प्रमुख ने मांगा $ 2.4 ट्रिलियन का क्लाइमेट फाइनेंस

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के कार्यकारी सचिव साइमन स्टिल ने विभिन्न देशों से खरबों डॉलर का क्लाइमेट फाइनेंस देने का आह्वान किया है।   

अज़रबैजान की राजधानी बाकू में दिए एक भाषण में स्टिल ने कहा कि विकासशील देशों (चीन को छोड़कर) को एनर्जी ट्रांज़िशन के लिए हर साल कम से कम 2.4 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता है।

अगली जलवायु वार्ता कॉप29 बाकू में आयोजित होने वाली है और उम्मीद है कि यह ग्लोबल साउथ के लिए एक महत्वपूर्ण सम्मेलन होगा क्योंकि क्लाइमेट फाइनेंस एजेंडे के प्रमुख मुद्दों में से एक है।

ग्रेटा थुनबर्ग और अन्य प्रदर्शनकारी कोर्ट से बरी

लंदन में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार ग्रेटा थुनबर्ग और चार अन्य कार्यकर्ताओं को अदालत ने बरी कर दिया गया है। जज ने कहा कि उनके ऊपर कोई मामला नहीं है।

थुनबर्ग और अन्य पर ‘सार्वजनिक व्यवस्था अधिनियम की धारा 14 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों का पालन करने में विफल रहने’ का आरोप लगाया गया था। वे मेफेयर में इंटरकांटिनेंटल होटल के बाहर एक विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे थे, जहां जीवाश्म ईंधन उद्योग शिखर सम्मेलन एनर्जी इंटेलिजेंस फोरम (ईआईएफ), चल रहा था जिसमें कॉर्पोरेट अधिकारी और सरकारी मंत्री भी भाग ले रहे थे।

उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन अदालत में सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने यह भी कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक था।

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