अंग्रेज़ी अख़बार गार्डियन में छपी ख़बर से खुलासा हुआ है कि लैटिन अमेरिकी देश मैक्सिको क्लाइमेट एक्शन पर उल्टी दिशा में चल रहा है। वैसे मैक्सिको ने पहले क्लीन एनर्जी सेक्टर में अच्छा काम किया है लेकिन नये राष्ट्रपति एंड्रेस मैन्युअल लोपेज़ – जिनका लोकप्रिय नाम एम्लो है – का साफ ऊर्जा के लिये ठंडा रुख अब इस देश को पीछे धकेल रहा है।
मैक्सिको के नये ‘एनर्ज़ी सिक्योरिटी विज़न’ के तहत पुराने कोयला प्लांट्स को फिर से शुरू करने के अलावा कई छोटी खदानों से लाखों टन कोयला खरीदा जायेगा ताकि स्थानीय लोगों की नौकरियों का बचाया जा सके।
हालांकि मैक्सिको अब अपनी वर्तमान जलविद्युत परियोजनाओं को चमकायेगा ताकि मैक्सिको का कुल ऊर्जा में 35% साफ ऊर्जा का संकल्प पूरा हो सके। यह नया बदलाव इसलिये चौंकाने वाला है क्योंकि 2015 में हुई पेरिस संधि के बाद विकासशील देशों में मैक्सिको पहला देश था जिसने क्लाइमेट एक्शन प्लान जमा किया था लेकिन कहा जा रहा है कि एम्लो इस बात के लिये कृतसंकल्प हैं कि वह 80% सरकारी खर्च जीवाश्म ईंधन प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरु करने में खर्च करेंगे। यह जी-20 देशों और अमेरिका की नई सरकार के इरादों के खिलाफ है।
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