अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने “क्लाइमेट पर काम पूरा करने के लिये” भारत की प्रशंसा की है। कैरी ने कहा कि वह विशेष रूप से भारत के आभारी हैं कि उसने क्लाइमेट चेंज ले लड़ने में अपना काम किया है।
“आप साफ ऊर्जा संयंत्र लगाने के मामले में निर्विवाद रूप से विश्व में अग्रणी हैं और अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस में आपका नेतृत्व भरोसा दिलाता है कि पूरे देश में सौर ऊर्जा का विस्तार होगा और अन्य विकासशील देश भी इसका फायदा उठायेंगे।”
जॉन कैरी ने मंगलवार को दिल्ली में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इसके बाद जावड़ेकर ने ट्वीट कर बताया कि कैरी के साथ क्लाइमेट फाइनेंस समेत कई मुद्दों पर बात चर्चा हुई। जलवायु परिवर्तन पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत कैरी 4 दिन की भारत यात्रा पर हैं। अमेरिका चाहता है कि अप्रैल 22-23 को होने वाली शिखर सम्मेलन से पहले भारत क्लाइमेट पर अधिक ऊंचे लक्ष्यों की घोषणा करे और कैरी इसी मकसद से भारत आये हैं।
इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 40 राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया है। भारत के प्रति व्यक्ति उत्सर्जन पश्चिमी देशों और चीन से कम हैं फिर भी यूके और अमेरिका भारत पर साल 2050 तक नेट-ज़ीरो लक्ष्य की घोषणा का दबाव बना रहे हैं। भारत का तर्क रहा है कि देश में बड़ी संख्या में गरीब आबादी को देखते हुये ऐसी घोषणा करना उसके लिये मुमकिन नहीं है।
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