ऊर्जा बदलाव में भारत 120 देशों में 63वें स्थान पर: डब्ल्यूईएफ

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) द्वारा जारी ग्लोबल एनर्जी ट्रांज़िशन इंडेक्स में भारत 120 देशों में 63वां स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने ऊर्जा समता, सुरक्षा और स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है। सूचकांक में शीर्ष पर यूरोपीय देशों का दबदबा है, स्वीडन पहले स्थान पर है, इसके बाद डेनमार्क, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड और फ्रांस शीर्ष पांच में हैं। चीन 20वें स्थान पर है।

हालांकि 120 में से 107 देशों ने पिछले दशक के दौरान एनर्जी ट्रांज़िशन में प्रगति प्रदर्शित की है, समग्र रूप से ऊर्जा बदलाव की गति धीमी हो गई है और इसके विभिन्न पहलुओं को संतुलित करना एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है।

डब्ल्यूईएफ ने स्वच्छ ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत द्वारा की गई प्रगति की भी सराहना की। देश की बिजली उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा और बायोमास का योगदान 42 प्रतिशत है।

ट्रांसफार्मर की कमी से भारत के सौर विस्तार को ख़तरा

बड़ी सौर परियोजनाओं के एक प्रमुख घटक पावर ट्रांसफार्मर की मैनुफैक्चरिंग मांग के अनुरूप न होने के कारण सोलर डेवलपर्स को इसके आपूर्ति के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ रहा है और भारत में सौर ऊर्जा की स्थापना धीमी हो गई है

मेरकॉम इंडिया रिसर्च के अनुसार, लगभग 143 गीगावॉट की बड़ी सौर परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं और 96 गीगावॉट की अन्य सौर परियोजनाओं की टेंडर जारी हो गया है और नीलामी प्रतीक्षित है, इसके कारण ट्रांसफार्मर की मांग बढ़ रही है।

नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर ब्लूपाइन एनर्जी के सौर और भंडारण प्रमुख आशीष अग्रवाल के अनुसार, 220 केवी ट्रांसफार्मर की खरीद के लिए लीड टाइम 8-9 महीने से बढ़कर लगभग 14 महीने हो गया है।

भारत ने वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 14.7 गीगावॉट सौर क्षमता स्थापित की

रिसर्च फर्म जेएमके रिसर्च एंड एनालिटिक्स के एक विश्लेषण के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 14.7 गीगावॉट सौर क्षमता (11.7 गीगावॉट यूटिलिटी-स्केल सोलर इंस्टॉलेशन और 3 गीगावॉट रूफटॉप सोलर) स्थापित की। गुजरात (4.8 गीगावॉट), राजस्थान (3.4 गीगावॉट) और मध्य प्रदेश (0.8 गीगावॉट) नई क्षमता की स्थापना में अग्रणी रहे।

31 मार्च, 2024 तक, भारत में लगभग 68.2 गीगावॉट यूटिलिटी-स्केल सौर क्षमता कमीशन की गई थी, जबकि अतिरिक्त 65.6 गीगावॉट स्थापना की प्रक्रिया चालू है (जिनकी नीलामी पूरी हो चुकी है)। पीवी मैगज़ीन की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में 19.9 गीगावॉट स्थापित सौर क्षमता है, इसके बाद गुजरात (10.6 गीगावॉट) और कर्नाटक (9.2 गीगावॉट) का स्थान है। 

जेएमके ने कहा कि भारत 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वर्ष में लगभग 16.9 गीगावॉट नई यूटिलिटी-स्केल सौर परियोजनाएं और 4 गीगावॉट रूफटॉप या ऑनसाइट सौर परियोजनाएं शुरू करेगा।

सेंट्रल ज़ोन ने भारतीय रेलवे का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया          

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक मध्य रेलवे ने पश्चिमी घाट में स्थित इगतपुरी झील में 10 मेगावाट क्षमता का एक फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया है, जो भारतीय रेलवे द्वारा अपनी तरह की पहली पहल है।

इसके अलावा, सेंट्रल रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के अपने अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, मध्य रेलवे ने रेलवे स्टेशनों और इमारतों की छत का उपयोग करके 12.05-मेगावाट सौर संयंत्र चालू किए हैं, जिनमें से 4-मेगावाट सौर संयंत्र पिछले वर्ष आवंटित किए गए थे। 

मध्य रेलवे के अनुसार, 325 मेगावाट सौर और पवन ऊर्जा के उपयोग के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो ‘राउंड द क्लॉक बेसिस’ (चौबीसों घंटे) के आधार पर होगा।

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