केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने गुणवत्ता और सर्विस से संबंधित 10,000 से अधिक शिकायतों का समाधान नहीं होने के कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता ओला को नोटिस भेजा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर पिछले एक साल से लगातार ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतें आ रही थीं। इन शिकायतों को कंपनी तक पहुंचाया भी गया लेकिन कंपनी ने “शिकायतों के निवारण में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई”।
जब सीसीपीए का ध्यान इस ओर गया तो उन्होंने पाया कि साल भर में हेल्पलाइन पर 10,000 से अधिक शिकायतें आईं थीं। सबसे अधिक शिकायतें सर्विस को लेकर थीं, फ्री सर्विस की अवधि/वारंटी के दौरान पैसे लेना, विलंबित और असंतोषजनक सर्विस, वारंटी के दौरान सर्विस से इंकार या देरी, सर्विस के बावजूद बार-बार खराबी आना, प्रदर्शन का विज्ञापन के अनुरूप न होना, और अधिक पैसे लेना आदि शामिल हैं।
भारत में मैनुफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी बीवाईडी
चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी भारत में मैनुफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी क्योंकि सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी है। इसके बजाय, कंपनी ने तय किया है कि वह अधिक कस्टम्स ड्यूटी के बावजूद, अपने वाहनों का आयात करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि इस रणनीति के साथ वह भारतीय बाजार में अपने वाहनों की लोकप्रियता बढ़ाने में कामयाब होगी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ईवी निर्माता कंपनी बीवाईडी फिलहाल भारत में तीन मॉडलों का आयात करती है। दूसरी ओर, अफ्रीका में यह 12 बाजारों में फैल गई है।
टेस्ला की ड्राइवरलेस कैब निवेशकों को प्रभावित करने में विफल
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, इलॉन मस्क की बहुप्रचारित ड्राइवर-रहित ईवी ‘साइबरकैब’ का प्रदर्शन इसके प्रचार के अनुरूप नहीं रहा।
इसने निवेशकों पर इतना बुरा प्रभाव डाला कि टेस्ला का स्टॉक 12 प्रतिशत गिर गया, जिससे कंपनी का बाजार मूल्य 60 बिलियन डॉलर कम हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, आगामी उत्पाद की विशेषताओं, विशिष्टताओं और रिलीज़ की समयसीमा के बारे में स्पष्ट, विस्तृत जानकारी की कमी के कारण निवेशकों का उत्साह कम हो गया।
साइबरकैब के प्रचार के दौरान मस्क ने कहा था कि 50 सालों में पूरा परिवहन स्वचालित हो जाएगा, और आनेवाले दिनों में शहरों में पार्किंग स्पेस की जरूरत नहीं होगी। हालांकि विश्लेषकों ने कहा कि इवेंट के दौरान वह इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने में विफल रहे।
ईवी की ओर बढ़ते रुझान से वैश्विक तेल बाजार होगा प्रभावित: आईईए
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से चीन में, इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ता रुझान, तेल बाजार को प्रभावित करने की कगार पर है।
हाल के वर्षों में, बढ़ती तेल की मांग और उत्सर्जन में वृद्धि के लिए चीन सबसे अधिक जिम्मेदार है, लेकिन अब वहां नई कारों में 40% ईवी हैं, जो वैश्विक स्तर पर ईवी बिक्री का 20% हैं। इससे प्रमुख तेल और गैस उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। आईईए की ‘वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2024’ में कहा गया है कि ईवी को अपनाने की गति देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि 2030 तक प्रतिदिन 6 मिलियन बैरल तेल की मांग कम हो जाएगी।
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