रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति में अस्थिरता के बीच चीन अपने तेल भंडार स्थलों के निर्माण में तेजी ला रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी तेल कंपनियां सिनोपेक और सीएनओओसी दो वर्षों में 11 स्थलों पर 16.9 करोड़ बैरल तक भंडारण क्षमता जोड़ेंगी।
इस कदम से चीन विदेशी तेल पर निर्भरता घटाकर आयात स्रोतों का विविधीकरण और घरेलू उत्पादन को स्थिर करना चाहता है। देश तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी निवेश बढ़ा रहा है, जबकि विशेषज्ञों के अनुसार चीन की तेल खपत 2027 तक चरम पर पहुंच सकती है।
बीपी का अनुमान: भारत की तेल मांग 2050 तक 9 मिलियन बैरल प्रति दिन, कोयला रहेगा प्रमुख ऊर्जा स्रोत
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल एनर्जी कंपनी बीपी के मुख्य अर्थशास्त्री स्पेंसर डोल ने कहा है कि 2050 तक भारत की तेल मांग 9 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) तक पहुंच जाएगी। वर्तमान रुझान में कोयला देश का सबसे बड़ा ऊर्जा स्रोत बना रहेगा।
2050 तक नवीकरणीय ऊर्जा भारत की दूसरी सबसे बड़ी प्राथमिक ऊर्जा बन जाएगी और 2°C परिदृश्य में यह प्रमुख स्रोत होगी। विद्युत रूप में ऊर्जा खपत में 30% वृद्धि का भी अनुमान लगाया गया है।
बढ़ती बिजली मांग के बीच राज्यों ने कोयला आधारित बिजली के दीर्घकालिक सौदे बढ़ाए
रॉयटर्स के अनुसार, भारत के कई राज्य बढ़ती शाम की बिजली मांग को पूरा करने के लिए कोयला आधारित बिजली के दीर्घकालिक अनुबंध कर रहे हैं, जबकि स्वच्छ ऊर्जा विस्तार की गति धीमी है।
उत्तर प्रदेश और असम, जिन्होंने हाल ही में स्वच्छ ऊर्जा प्रोत्साहन वापस लिया, अब 7 गीगावॉट कोयला बिजली संयंत्रों के लिए 2030 तक आपूर्ति अनुबंध पर विचार कर रहे हैं। यह रुझान मुख्यतः गैर-सौर घंटों में एयर कंडीशनिंग की बढ़ती मांग और बैटरी भंडारण निर्माण में सुस्ती के कारण देखा जा रहा है।
भारत के शीर्ष पावर प्रोड्यूसर करेंगे ₹5.5 लाख करोड़ का निवेश, 2032 तक 50GW नई कोयला क्षमता
ईटी एनर्जीवर्ल्ड के अनुसार, अदाणी पावर, टॉरेंट पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और एनटीपीसी सहित प्रमुख ऊर्जा कंपनियां 2032 तक 50 गीगावॉट से अधिक कोयला आधारित उत्पादन बढ़ाने के लिए ₹5.5 लाख करोड़ का निवेश करेंगी। इन कंपनियों का कहना है कि यह विस्तार औद्योगिक, वाणिज्यिक और शहरी क्षेत्रों में बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए किया जा रहा है। साथ ही वे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में भी निवेश जारी रखेंगी।
रूसी तेल पर बढ़ी छूट से भारतीय रिफाइनर बढ़ा सकते हैं खरीदारी
रूसी यूराल्स तेल पर छूट बढ़ने से भारतीय रिफाइनर नवंबर में अधिक रूसी तेल खरीदने पर विचार कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग के मुताबिक वर्तमान में यूराल्स पर $2–2.5 प्रति बैरल की छूट है, जो जुलाई–अगस्त के $1 प्रति बैरल से कहीं अधिक है।
अमेरिका की टैरिफ वृद्धि के बीच भारत ने मध्य पूर्व और अफ्रीका की राष्ट्रीय तेल कंपनियों से 2026 के लिए दीर्घकालिक आपूर्ति समझौते पर बातचीत भी शुरू की है।
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