क्लाइमेट चेंज के कारण जरूरी है सिंधु जल समझौते की समीक्षा: विशेषज्ञ
जलवायु परिवर्तन और काराकोरम विसंगति के कारण पश्चिमी नदियों के मुकाबले पूर्वी नदियां समय से पहले सूखने लगेंगी। अतः जल के न्यायसंगत बंटवारे के लिए संधि की समीक्षा जरूरी है।
जलवायु परिवर्तन और काराकोरम विसंगति के कारण पश्चिमी नदियों के मुकाबले पूर्वी नदियां समय से पहले सूखने लगेंगी। अतः जल के न्यायसंगत बंटवारे के लिए संधि की समीक्षा जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि फौरी तौर पर समझौता स्थगित हो सकता है, लेकिन समझौते पर दीर्घकालिक कदम उठाने से पहले भारत को व्यापक रणनीति बनानी होगी।
वैश्विक क्लाइमेट फाइनेंस ज़रूरत से काफी कम है, इसलिए भारत को सस्टेनेबिलिटी की ओर खुद का मार्ग बनाना होगा। यानि फंडिंग गैप को भरने के लिए धरेलू संसाधनों, नए वित्तीय विचारों और स्मार्ट निवेश का सहारा लेना होगा।
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