उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित द्रौपदी का दांडा-2 चोटी पर हुये एवलांच में कम से कम 10 पर्वतारोहियों की मौत हो गई। यह हादसा पिछले मंगलवार को हुआ। सभी पर्वतारोही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रशिक्षु थे। संस्थान की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि इस पर्वतारोहण दल में कुल 41 सदस्य थे जिसमें 34 ट्रेनी शामिल थे। मंगलवार सुबह 4 बजे चोटी से लौटते हुये ये दल एवलांच की चपेट में आ गया।
जानकार इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या इस एवलांच के लिये सितंबर की असामान्य बारिश ज़िम्मेदार है। डाउन टु अर्थ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में देहरादून स्थित वाडिया संस्थान के वैज्ञानिक मनीष मेहता ने इसे एक ‘पाउडर एवलांच’ बताया है जब बारीक और ढीली बर्फ चोटी से खिसक जाती है। मेहता के मुताबिक एवलांच तब होता है जब किसी चोटी की बर्फ को रोक पाने की क्षमता से अधिक हिम वहां पर जमा हो जाये। उत्तराखंड में यह एवलांच की पहली घटना नहीं है पिछले साल नन्दादेवी अभ्यारण्य पर त्रिशूल चोटी पर हुये एवलांच में भी नौसेना के 4 सदस्य फंस गये थे।
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