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हिमाचल प्रदेश में एक और भूस्खलन, चालू मानसून सीजन में 22 घटनाएं

हिमाचल प्रदेश में 16 साल बाद समान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है

मानसून सीजन हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म दे रहा है। बुधवार 11 अगस्त को को एक बार फिर किन्नौर जिले के निगुलसरी में भूस्खलन की बड़ी घटना हुई है। भूस्खलन की इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 6 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

इस घटना में एक सरकारी बस जिसमें 25 से 30 लोगों के होने की आशंकाओं के साथ मलबे में दबने के साथ दो अन्य वाहनों के दबे होने की सूचना है। मलबे में दबे हुए लोगों की राहत कार्य में जुटे आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ और पुलिस के जवानों को पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थरों की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

हिमाचल में इस साल प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। अभी तक मानसून सीजन में ही प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में 233 लोगों की जानें गई हैं। वहीं पिछले दो माह में प्रदेश में भूस्खलन की 22 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें दर्जनों लोगों की जानें गई हैं।

इससे पहले भी किन्नौर जिले के बटसेरी में पिछले माह पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से बाहरी राज्यों हिमाचल घूमने आए 9 पर्यटकों की जान चली गई थी। इसके अलावा मालिंग नाले में भूस्खलन की वजह से नेशनल हाईवे 5 भी कई घंटों तक बंद रहा था।

वहीं लाहौल स्पीति जिले में मानसून सीजन में बारिश की कमी के बावजूद बहुत थोड़े समय में हुई भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ से 10 लोगों की जान जाने के साथ वहां के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन के जुलाई माह में पिछले 16 सालों के मुकाबले में अधिक बारिश दर्ज की गई है। जुलाई 2021 में 289.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी। जबकि इससे पहले 2005 में 309.3 एमएम बारिश हुई थी।

ये स्टोरी डाउन टू अर्थ हिन्दी से साभार ली गई है।

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