भारत पर दबाव: ग्लासगो सम्मेलन में भारत पर अपने 450 गीगावॉट साफ लक्ष्य को औपचारिक रूप देने का दबाव है। Photo: Flickr

साल 2030 तक साफ ऊर्जा लक्ष्य के 450 गीगावॉट की औपचारिक घोषणा होगी

ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले भारत पर दबाव है कि वह (पेरिस संधि में कहे गये राष्ट्रीय संकल्प यानी एनडीसी के तहत) कार्बन इमीशन करने के लक्ष्य को औपचारिक स्वरूप दे। सम्मेलन के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि भारत 2030 तक साफ ऊर्जा क्षमता के 450 गीगावॉट के लक्ष्य को राष्ट्रीय संकल्पों (एनडीसी) में शामिल करेगा। उनके मुताबिक भारत को अनौपचारिक रूप से कही गई इस बात की सम्मेलन में आधिकारिक घोषणा करनी चाहिये। 

हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक प्रधानमंत्री 2 नवंबर तक ग्लासगो सम्मेलन में मौजूद  रहेंगे और यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड इनीशिएटिव लॉन्च करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस (आईएसए) के मुताबिक इसकी मदद से तमाम देशों के बीच साफ ऊर्जा के ट्रांसफर में प्रौद्योगिकी और वित्तीय सहयोग का तालमेल बनेगा।  कृषि, बिजली और पर्यावरण विभाग के 15 से अधिक सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल भारत की नुमाइंदगी करेगा। 

सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में कंपनियों का निवेश 190% बढ़ा 

पिछले साल के पहले 9 महीनों के मुकाबले इस साल जनवरी से लेकर सितंबर तक सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स में निवेश 190% बढ़ा और कुल 2280 करोड़ डॉलर की पूंजी लगी। कुल 23,600 मेगावॉट के 112 सौदों में यह निवेश किया गया है। पिछले साल इसी व    क़फे में 72 सौदों में करीब 790 करोड़ डॉलर की पूंजी लगाई गई थी। मरकॉम के मुताबिक सौर ऊर्जा के हर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि बढ़ी है। रिपोर्ट कहती है कि तीसरी तिमाही में कुल 930 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। इसी साल कि दूसरी तिमाही में हुये 540 करोड़ डॉलर के निवेश के मुकाबले यह  72 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। 

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