भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पार्क मध्य प्रदेश के खंडवा में इंदिरा सागर बांध पर बनेगा। यह सोलर पार्क 1000 मेगावॉट का होगा। इस मामले में विश्व बैंक 5,000 करोड़ रुपये की योजना बना रहा है। अंग्रेज़ी अख़बार इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार इस सोलर पार्क से 200 मेगावॉट बिजली खरीदेगी और दूसरे राज्यों से भी इस बारे में उसकी बात चल रही है। इससे पहले मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावॉट का सोलर प्लांट लग चुका है। राज्य की कुल बिजली का 20% साफ ऊर्जा के संयंत्रों से आता है।
भुगतान में देरी से टूट सकता है निवेशकों का भरोसा, बड़ी कंपनियां फिलहाल सुरक्षित
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) के मुताबिक पावर कंपनियों को भुगतान में देरी से साफ ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों को कर्ज़ में दिक्कत आ सकती है। हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बड़ी कंपनियां फिलहाल इस संकट से लड़ने में सक्षम रही हैं क्योंकि उनका कारोबार कई अन्य क्षेत्रों में फैला है। इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में इन कंपनियों ने अपने प्रभावित प्रोजक्ट्स के लिये जो कर्ज़ लिया उसका बीमा करवाने में वह कामयाब रहीं जिसकी वजह से इनके शेयरों में 5,500 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई।
साफ ऊर्जा ग्राफ उठेगा लेकिन पेरिस डील के लिये काफी नहीं: IEA
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने अगले 5 साल में सौर ऊर्जा क्षेत्र में शानदार बढ़त का अनुमान लगाया है। इस बढ़त में घरों और व्यवसायिक भवनों की छतों पर लगने वाले पैनल (रूफ-टॉप सोलर) का बड़ा योगदान रहेगा। IEA के मुताबिक 2024 तक दुनिया भर की साफ ऊर्जा क्षमता में करीब 12,000 GW की बढ़ोतरी होगी जो कि 50% वृद्धि के बराबर है। लेकिन यह बढ़ोतरी पेरिस क्लाइमेट डील के तहत तय किये गये लक्ष्य हासिल करने के लिये पर्याप्त नहीं है।
पवन ऊर्जा से होगा $ 1 लाख करोड़ का कारोबार!
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) और अंतरराष्ट्रीय साफ ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के मुताबिक अगले कुछ दशकों में पवन ऊर्जा क्षेत्र में ज़ोरदार तरक्की होगी। उम्दा टेक्नोलॉजी और गिरते दामों की वजह से यह बदलाव हासिल होगा और ऑफशोर विंड प्लांट (समंदर में बनी पवन चक्कियां) इसकी आधारशिला बनेंगे। अभी ऑफशोर विंड टर्बाइन दुनिया की कुल ऊर्जा का 0.03% बिजली ही देते हैं लेकिन अगले IEA को उम्मीद है कि अगले 20 साल में पवन ऊर्जा क्षमता 15 गुना बढ़ेगी और यह 1 लाख करोड़ डॉलर का कारोबार होगा। जानकार इन आंकड़ों को अतिश्योक्ति बता रहे हैं लेकिन IRENA का कहना है कि 2050 तक यह दुनिया में बिजली का सबसे बड़ा स्रोत होगा और भारत 443 GW क्षमता के साथ विश्व में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक होगा।
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