बदलेगा नेट मीटरिंग सिस्टम: सौर ऊर्जा के गिरते दामों के बाद अब पंजाब रूफ टॉप से सप्लाई होने वाली नेट मीटरिंग के नियमों में बदलाव कर सकता है | Photo: Mercom India

भारत और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के बीच समझौता

भारत और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा और स्थायित्व के लिये एक समझौते पर दस्तखत किये हैं। बिजली मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि इस पार्टनरशिप से जानकारी का वृहद आदान-प्रदान होगा और आईईए के पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में भारत का यह महत्वपूर्ण कदम है। इससे समझौते के तहत भारत और आईईए मिलकर क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन प्रोग्राम पर भी काम करेंगे। इसमें एनर्जी सिक्योरिटी, साफ ऊर्जा और उसकी सतत सप्लाई के साथ गैस आधारित अर्थव्यवस्था के फैलाव पर काम होगा।

पंजाब बदलेगा नेट मीटरिंग के नियम

पंजाब बिजली नियामक आयोग (PSERC) उन नेट मीटरिंग नियमों को बदल सकता है जो 2015 में बनाये गये थे। यह बदलाव पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन की याचिका के बाद किये जा रहे हैं जिसमें कहा गया था कि 2015 के नियम रूफ टॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिये बनाये गये थे लेकिन अब सोलर जेनरेशन की कीमत काफी नीचे आ गई है और इसकी कीमत रु 2.60 प्रति यूनिट तक हो गई है। इसलिये मौजूदा रूफटॉप मीटरिंग नियमों के तहत रूफटॉप सोलर से बिजली लेने के बजाय अब सीधे बाज़ार से बिजली लेकर उपभोक्ताओं को देना अधिक मुफीदकर है। 

नेट मीटरिंग वह तरीका है जिसके ज़रिये घरेलू और व्यवसायिक उपभोक्ता बिजली पैदा कर सरप्लस पावर को ग्रिड को बेच सकते हैं। पश्चिम बंगाल ने रूफ टॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिये घरेलू उपभोक्ताओं को एक किलोवॉट और उससे अधिक के लिये नेट मीटरिंग की अनुमति दे दी है। अभी तक वहां सिर्फ कमर्शियल और सहकारी संस्थानों को 5 किलोवॉट से अधिक के लिये नेट मीटरिंग की अनुमति थी।

ग्लोबल ग्रीन बॉन्ड ने 2020 में बनाया रिकॉर्ड

ताज़ा रिसर्च बताती है कि पिछले साल $ 26,950 करोड़ के बराबर ग्लोबल ग्रीन बॉन्ड जारी किये गये जो कि एक रिकॉर्ड है। इस साल इसके $ 40-45 हज़ार करोड़ हो जाने की संभावना है। ग्रीन बॉन्ड साफ ऊर्जा और लो-कार्बन ट्रांसपोर्ट जैसे क्लाइमेट प्रोजेक्ट्स के लिये पैसा जुटाने के लिये जारी किये जाते हैं।  कोरोना महामारी के कारण पिछले साल की दूसरी तिमाही में ग्रीन बॉन्ड जारी होने का ग्राफ गिरा लेकिन तीसरी तिमाही में इसमें फिर तेज़ी आई।

चीन ने 2020 में नई रिन्यूएबिल क्षमता को दुगना किया, थर्मल प्लांट भी बनाये

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2020 में चीन ने सौर और पवन ऊर्जा के नये संयंत्रों की क्षमता 2019 के मुकाबले  दुगनी कर ली। चीन दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जक है। उसने 2020 में 71.67 गीगावॉट बिजली क्षमता जोड़ी जो 2019 में लगाये संयंत्रों की क्षमता के मुकाबले तिगुना है। इसी तरह उसने पिछले साल 48.2 गीगावॉट सौर ऊर्जा के पैनल लगाये और 40 गीगावॉट के अनुमान को पीछे छोड़ दिया। चीन ने यह भी कहा है कि उसने नये ताप बिजलीघर बनाना जारी रखा है। साल 2020 में उसने 56.37 गीगावॉट के थर्मल प्लांट लगाये जो 2015 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

Website |  + posts

दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

कार्बन कॉपी
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.