भारत अगले साल विश्व का साफ ऊर्जा ग्राफ बढ़ाने में सर्वाधिक योगदान देगा। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की नई रिसर्च के मुताबिक भारत में कोरोना के दौरान साफ ऊर्जा का ग्राफ बढ़ा है और इस दौरान जीवाश्म ईंधन में गिरावट आई है। रिपोर्ट कहती है कि साल 2021 में इस साल की तुलना में सालाना वृद्धि में दोगुना बढ़त होगी। भारत और यूरोपीय यूनियन साफ ऊर्जा की वैश्विक क्षमता में कुल करीब 10% बढ़ोतरी करेंगे जो 2015 से अब तक सबसे तीव्र बढ़ोतरी होगी।
आंध्र प्रदेश: सस्ती दरों के लिये 30 साल का अनुबंध
आंध्र प्रदेश सरकार ने 10 गीगावॉट (10,000 मेगावॉट) सोलर पावर क्षमता के पैनल लगाने के लिये एक प्रस्ताव स्वीकार किया है जिससे किसानों को दिन में 9 घंटे फ्री बिजली दी जा सकेगी। नीलामी के दौरान कम दरों की बोली लगे इस उद्देश्य से सरकार 25 साल की जगह 30 साल के बिजली खरीद अनुबंध (पीपीए) ला रही है। ऑस्ट्रेलिया का राज्य न्यू साउथ वेल्स (NSW) कोयले से साफ ऊर्जा की ओर बढ़ने की वृहद योजना बना रहा है और इसके लिये वह 23.3 बिलियन डॉलर
केरल में पर्यटकों के लिये सोलर से चलने वाली मिनी ट्रेन
केरल ने देश में सौर ऊर्जा से चलने वाली पहली मिनी ट्रेन योजना शुरू की है जो विशेष रूप से बच्चों और पर्यटकों के लिये है। यह 10 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के बाहर 2.5 किमी की सैर करायेगा। इस ट्रेन में 3 बोगी होंगी और ये करीब 45 लोगों को एक बार में सैर करा सकेगा। योजना के मुताबिक यह ट्रेन यात्रा के दौरान एक सुरंग से होकर भी गुजरेगी। इस प्रोजेक्ट में बनने वाली अतिरिक्त बिजली केरल स्टेट बिजली बोर्ड के ग्रिड में भेजी जायेगी।
न्यू साउथ वेल्स साफ ऊर्जा में लगायेगा $2300 करोड़
ऑस्ट्रेलिया का राज्य न्यू साउथ वेल्स (NSW) कोयले से साफ ऊर्जा की ओर बढ़ने की वृहद योजना बना रहा है और इसके लिये वह अगले 10 सालों में 23.3 बिलियन (करीब 2330) डॉलर का निजी निवेश करवायेगा। न्यू साउथ वेल्स के 5 में 4 कोल पावर प्लांट अगले 15 साल में बन्द हो जायेंगे और सरकार कंपनियों के लिये निवेश का रास्ता तेज़ी से साफ करेगी। सरकार का कहना है कि इस योजना से 10 हज़ार नौकरियां पैदा होंगी और इससे 2 गीगावॉट स्टोरेज के साथ 12 गीगावॉट सौर और पवन ऊर्जा पैदा होगी। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने अन्य विकसित देशों की तरह 2050 तक नेट कार्बन इमीशन ज़ीरो करने के वादे से फिलहाल इनकार कर दिया है।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
कार्बनकॉपी हिंदी में आपका स्वागत है।
आपको यह भी पसंद आ सकता हैं
-
40% आयात शुल्क के कारण एक्मे-स्कैटेक ने 900 मेगावाट की सौर परियोजना रोकी
-
हरित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत को सकल घरेलू उत्पाद का 11% खर्च करना होगा, 40% खर्च नवीकरणीय ऊर्जा में होना चाहिए: मैकिन्से
-
भारत साफ ऊर्जा के संयंत्रों को ग्रिड से जोड़ने के लिये लगाएगा 161 करोड़ डॉलर
-
मिशन 500 गीगावॉट और नेट ज़ीरो वर्ष का हुआ ऐलान पर व्यवहारिक दिक्कतें बरकार
-
साफ ऊर्जा बढ़ाने के लिये भारत की “मिशन 500 गीगावॉट” की योजना