ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि जो भी कोल प्लांट रिटायर होंगे उनकी जगह साफ ऊर्जा के संयंत्र लेंगे। सरकार अगर गंभीरता से इस पर काम करती है तो उसने साल 2030 तक देश की कुल ऊर्जा का 40% साफ ऊर्जा स्रोतों से बनाने का जो लक्ष्य रखा है उसे पाने का काम काफी हद तक आसान हो सकता है। इससे देश के भीतर सोलर पैनल बनाने की क्षमता भी बढ़ेगी और संभावना है कि चीन से सोलर सेल और मॉड्यूल इम्पोर्ट न करने पड़ें।
कोल ब्लॉक: पीएम के रोज़गार से जुड़े दावे का कोई आधार नहीं
इस साल कमर्शियल कोल ब्लॉक नीलामी का उद्घाटन करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इससे लाखों रोज़गार पैदा होंगे लेकिन एक आरटीआई के जवाब में कोयला मंत्रालय ने कहा है कि इस दावे के समर्थन में कोई आंकड़ा नहीं है। जवाब में कहा गया कि कोल ब्लॉक नीलामी से रोज़गार और राजस्व को लेकर कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। मंत्रालय ने यह जवाब रिसर्चर और लेखक संदीप पाई की आरटीआई पर दिया। पाई ने प्रधानमंत्री कार्यालय के उस प्रेस रिलीज़ को आधार बनाकर सवाल पूछा था जिसमें कोल ब्लॉक ऑक्शन से 2.8 लाख नौकरियों और 20,000 करोड़ के राजस्व की बात की बात कही गई थी।
पर्यावरण बचाने के लिये 5 करोड़ पाउंड के अवॉर्ड
ब्रिटेन के प्रिंस विलियम और जाने माने पर्यावरणविद् सर डेविड एटनबरो ने घोषणा की है कि अगले 10 सालों में 5 करोड़ पाउंड (करीब 475 करोड़ रुपये) के अवॉर्ड दिये जायेंगे। इन पुरस्कारों का नाम ‘अर्थशॉट अवॉर्ड’ होगा और यह पर्यावरण की समस्या के 50 सुझावों के लिये दिये जाने हैं। इस कैंपेन के तहत 2030 तक 5 अवॉर्ड (प्रत्येक 10 लाख पाउंड) दिये जाने हैं। हवा को साफ करने के साथ-साथ प्रकृति को बचाने के लिये यह पुरस्कार दिये जाने हैं।
यूरोपीय संसद: कार्बन इमीशन कट बढ़ाने के इरादे पर वोट
यूरोपीय संसद ने 2030 के लिये तय किये गये ग्रीन हाउस गैस इमीशन कट को बढ़ाने संबंधित प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया है। अभी यूरोपीय देशों का संकल्प ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को 2030 तक 40% कम करना है जबकि नया प्रस्ताव इस संकल्प को 60% तक ले जायेगा। यह प्रक्रिया यूरोपियन प्रस्ताविक क्लाइमेट कानून के लिये चल रही बहस का हिस्सा है। इसका मकसद है कि यूरोप 2050 तक कार्बन न्यूट्रल होने की जो बात करता है उसे कानूनी जामा पहना दिया जाये।
दो साल पहले, हमने अंग्रेजी में एक डिजिटल समाचार पत्र शुरू किया जो पर्यावरण से जुड़े हर पहलू पर रिपोर्ट करता है। लोगों ने हमारे काम की सराहना की और हमें प्रोत्साहित किया। इस प्रोत्साहन ने हमें एक नए समाचार पत्र को शुरू करने के लिए प्रेरित किया है जो हिंदी भाषा पर केंद्रित है। हम अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद नहीं करते हैं, हम अपनी कहानियां हिंदी में लिखते हैं।
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