फिर लगी रोक: आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने फिलहाल राज्य का एक मेगा सोलर टेंडर रोक दिया है। इस पर अगली सुनवाई फरवरी में होगी | Andhra Wishesh

आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने 6.4 गीगावॉट के प्रोजेक्ट पर स्टे लगाया

आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट ने आंध्र प्रदेश ग्रीन एनर्जी कॉरपोरेशन (एपीजीईसीएल) से कहा है कि वह कोर्ट के अगले नोटिस तक हाल में निकाले गये 6.4 गीगावॉट के टेंडरों में किसी तरह का एग्रीमेंट न करे। पिछली 6 जनवरी को टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी ने कोर्ट में अपील की थी जिसके बाद अदालत ने यह रोक लगाई। टाटा पावर के मुताबिक कॉर्पोरेशन द्वारा इन टेंडरों से जुड़े अनुबंध की प्रक्रिया इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के खिलाफ है। वेबसाइट मरकॉम ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि टाटा का यह भी कहना है कि यह प्रक्रिया पावर मिनिस्ट्री और साफ ऊर्जा (एमएनआरई) मंत्रालय की गाइडलाइंस के खिलाफ है और इससे आंध्र प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन के वैधानिक अधिकार का हनन होता है। दिसंबर की शुरुआत में 6.4 गीगावाट के ये टेंडर किसानों को पावर सप्लाई करने के मकसद से निकाले गये थे। अब इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।  

ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिये तालमेल

नेशनल हाइड्रो पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) ने इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरेडा) के साथ एक एमओयू साइन किया है ताकि देश में अक्षय ऊर्जा के प्रोजेक्ट बढ़ाये जा सकें। एनएचपीसी का कहना है कि अगले 3 सालों में वह 7.5 गीगावॉट के सोलर (जिसमें फ्लोटिंग भी शामिल हैं) प्रोजेक्ट लगाकर इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है। पिछले एक महीने में इरेडा का यह दूसरा एमओयू है। इससे पहले दिसंबर में इरेडा ने हिमाचल के एसजेवीएन के साथ ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट के लिये एमओयू किया था। इसके अलावा पावर मिनिस्ट्री के संयुक्त उपक्रम – एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (ईईसीएल)  ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ पैक्ट किया ताकि प्राधिकरण के भवनों में ग्रीन साफ ऊर्जा प्रोजेक्ट लगें और एनर्जी एफिसिएंसी बढ़े।  हाइवे अथॉरिटी का कहना है कि इस पैक्ट के तहत हाइवेज़ का विकास और रखरखाव, ई मोबिलिटी सेवा को लागू करना और साफ ऊर्जा प्रोजक्ट लगाना शामिल है।

सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन घटा सकती है टेंडर साइज़

सोलर एनर्ज़ी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) अपने ताज़ा टेंडर की क्षमता घटाने के साथ साथ इसकी लोकेशन भी बदल सकती है। पहले एसईसीआई का टेंडर 2,500 मेगावॉट का था जिसे कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के सोलर पार्क में लगना था लेकिन अब इसकी क्षमता घटाकर कुल1,800 मेगावॉट कर दी गई है और इसके लिये अलग जगहों का चुनाव किया जा रहा है। 2,500 मेगावॉट के टेंडर को पिछली 10 अप्रैल को जारी किया गया था। तब से इसमें बिडिंग की तारीख 6 बार बढ़ाई जा चुकी है।

मध्य प्रदेश सरकार की दुनिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सौर पावर प्लांट की योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि वह नर्मदा पर ओंकारेश्वर बांध में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सौर बिजलीघर बनायेगी। खंडवा ज़िले में बनने वाला यह 600 मेगावॉट का सौर पावर प्लांट 2022-23 में बनना शुरू होगा। विश्व बैंक, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने इस प्रोजेक्ट के लिये आपसी सहमति दे दी है। इस बांध के जलाशय में करीब 2000 हेक्टेयर क्षेत्र में इस सौर बिजलीघर के पैनल तैरेंगे।

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